कोटा.नीट यूजी 2021 में पूछे गए फिजिक्स के एक प्रश्न को लेकर चल रहे विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है. कोटा में अब इसके लिए आंदोलन भी शुरू हो गया है. जहां पर लाखों की संख्या में स्टूडेंट्स मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए आते हैं, वह भी इसमें शामिल हैं. यहां के एक्सपर्ट का भी कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में जो जवाब दिया है, वह सवाल एनसीईआरटी की बुक और फिजिक्स के मेथड (NCERT Books and Physics Methods) के साथ-साथ हर जगह पर गलत सिद्ध हो रहा है.
फिजिक्स के नियमों को ताक पर रखकर दिया निर्णय
कोटा के एक्सपर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के पैनल पर भी आपत्ति (Objection to the panel of National Testing Agency) जताई है. उन्होंने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के एक्सपर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य (False Facts In Supreme Court ) पेश किए हैं. उन्होंने जो उत्तर इस प्रश्न का सुप्रीम कोर्ट में भेजा है, वह गलत है. बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि एक्सपर्ट ने कहा है कि हिंदी अंग्रेजी से किसी भी तरह से करो एक ही आंसर आएगा, जो की पूरी तरह से गलत है. आंसर दोनों में अलग-अलग आ रहा है.
फिजिक्स के एक प्रश्न को लेकर नीट यूजी 2021 विवाद इसके अनुसार तो फिजिक्स की वर्तमान की पद्धति और बुक्स को भी चैलेंज (Challenging current methodology and books of physics) कर दिया गया है. बच्चों को बुक्स व प्रैक्टिकली पढ़ाया जा रहा है उसे ही गलत ठहराया गया है. किसी भी स्टेट बोर्ड से लेकर एनसीईआरटी और अन्य सभी जगह पर फिजिक्स में यह नहीं है. जबकि अनुवाद में अलग-अलग अंतर था, इसका अर्थ भी अलग-अलग निकल रहा है.
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करीब 5 हजार स्टूडेंट्स को दिक्कत
कोट के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि दो लाख से ज्यादा विद्यार्थी नीट यूजी हिंदी में तैयारी करते हैं. ये मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश व बिहार के हैं. इन विद्यार्थियों के साथ घोर अन्याय (Injustice To Neet Students) हुआ है. यदि सिर्फ हिंदी माध्यम का प्रश्न देखा जाए तो अंग्रेजी माध्यम से अलग है. हिंदी माध्यम के जिन विद्यार्थियों ने प्रश्न हल किया है, वे सभी प्रतिभाशाली विद्यार्थी हैं. जिन स्टूडेंट्स प्रश्न हिंदी में समझ में आ गया था, उसने हल कर दिया और उसका उत्तर भी इन चार ऑप्शंस में था. ऐसे में करीब माना जा सकता है कि 5000 से ज्यादा स्टूडेंट्स को दिक्कत हुई है.
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पूरे रिजल्ट में होगा बदलाव, बदल सकती है रैंक
देव शर्मा का कहना है कि हिंदी भाषा विद्यार्थियों ने जो मांग उठाई है अगर उस पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी दोबारा गौर करेगी और फिजिक्स के जिस प्रश्न पर आपत्ति है, उसका सही उत्तर देगी तो कई विद्यार्थियों के नंबर बढ़ जाएंगे. साथ ही जिन विद्यार्थियों को इसके गलत अंक मिले हैं, उन्हें भी कट जाएंगे. ऐसे में हो सकता है पूरी ऑल इंडिया रैंक (All India Rank List Of NEET 2021) ही बदल जाए. कोटा के एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि न्याय की परिभाषा है कि किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. ऐसे में हिंदीभाषी सभी विद्यार्थियों को भी न्याय मिलना चाहिए.
हिंदी भाषी विद्यार्थियों को हुआ है पांच नंबर का नुकसान
हिंदी भाषा के जिन विद्यार्थियों ने इस प्रश्न का हल सही किया है, उन्हें पांच नंबर का नुकसान हुआ है. विद्यार्थी को चार नंबर मिलने चाहिए थे, जबकि उसको एक नंबर काट लिया गया है. ऐसे में उसे 5 अंकों का नुकसान सीधे तौर पर हुआ है. पांच नंबर से विद्यार्थी मेडिकल सीट भी चूक जाता है. विद्यार्थी मेडिकल सीट पाने के लिए कई सालों से मेहनत भी करते हैं. कोटा के एक्सपर्ट का कहना है कि न्यायालय की कोई गलती नहीं है. उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के एक्सपर्ट की रिपोर्ट (Expert Report Of National Testing Agency) पर ही फैसला सुनाया है.
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स्टूडेंट्स क्यों जाएगा अंग्रेजी पर, जब हिंदी में उत्तर मिल गया
निजी कोचिंग के निदेशक बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि कोई प्रश्न पूछा जाता है वह अंग्रेजी का हिंदी अनुवाद होता है. जो हिंदी का विद्यार्थी उस प्रश्न को कर लेता है और अगर उसे सॉल्व करने में दिक्कत आती है या चारों ऑप्शन में कोई आंसर नहीं मिलता है, तब इसके बाद देखा जाता है कि वह इंग्लिश मीडियम के प्रश्न को भी देखता है. यह नियम बना दिया गया है, जो कि बच्चों पर जुल्म तो है, लेकिन बच्चे इसकी पालना करते हैं. अनुवाद होने के बाद हिंदी के बच्चों ने डायग्राम के अनुसार प्रश्न को कर लिया, उसमें उत्तर भी मिल गया. इसीलिए बच्चों ने अंग्रेजी माध्यम के प्रश्न को नहीं देखा.
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कोटा में करेंगे बड़ा आंदोलन, पीएम तक पहुंचाएंगे मांग
कोटा में इसको लेकर आंदोलन भी शुरू हो रहा है. यहां के एक्सपर्ट का कहना है कि शांतिपूर्वक आंदोलन (Peaceful Movement In Kota) कोटा में होगा. जनता जनार्दन तक हम बात पहुंचा रहे हैं, उम्मीद कर रहे हैं कि हमें न्याय मिलेगा. हम धरना प्रदर्शन से लेकर आमरण अनशन तक भी करेंगे क्योंकि यह देश का सबसे बड़ा मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम है. यहां पर 16 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं. राष्ट्रीय स्तर के इस परीक्षा में हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चे को परेशानी हुई है. सभी क्षेत्रीय भाषाओं और अंग्रेजी में यह प्रश्न एक जैसा ही था, जो कि हिंदी में ही अलग था. ऐसे में सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान हुआ है. केवल हिंदी भाषी विद्यार्थियों को नुकसान हुआ है. इस बात को हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाएंगे.
क्या है मामला
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नीट 2021 फीजिक्स सेक्शन में प्रश्न संख्या 2 में पूछे गये सवाल का हिन्दी अनुवाद गलत था. प्रश्न के हिन्दी अनुवाद में ‘amplitude of current’ का जिक्र ही नहीं किया गया था, जो कि अंग्रेजी में पूछे गये सवाल का हिस्सा था. जिन परीक्षार्थियों ने हिन्दी के सवाल पढ़कर उत्तर दिया, उनके आंसर गलत हुए क्योंकि सवाल का अनुवाद ही गलत था.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रांसलेशन की गलती बताते हुए फिजिक्स सेक्शन एक प्रश्न को हटाने की मांग की गई थीय केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि गठित तीन सदस्यीय पैनल को पूछे गए प्रश्न में कोई विसंगति नहीं मिली.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि चूंकि सवाल फिजिक्स से है, अदालत को पैनल की सिफारिश के साथ जाना होगा. पीठ ने कहा, 'अगर यह एक लॉ का पेपर होता तो हम इस पर और अधिक गौर करते. लेकिन कम से कम अगर यह भौतिकी है. हमें रेखा खींचनी होगी. इस अभ्यास में शामिल होना इस अदालत के दायरे से परे होगा. विशेषज्ञों के पैनल ने अपनी राय प्रस्तुत की. हम हस्तक्षेप करने में असमर्थ हैं. हम इसे खारिज करते हैं.'
पैनल का राय
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र द्वारा 3 विशेषज्ञ पैनल- IIT गुवाहाटी के प्रोफेसर, दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर और दूसरे संस्थान के एक प्रोफेसर ने फिजिकल्स में कथित प्रश्न में कोई त्रुटि नहीं पाई. एसजी ने अदालत को बताया, 'अंग्रेजी के पेपर के लिए या हिंदी के पेपर के लिए जवाब एक ही है.'