नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणियों के सिलसिले में पत्रकार नाविका कुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों के संबंध में सोमवार को उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान कर दी. कुमार के खिलाफ यह प्राथमिकियां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा की ओर से टीवी पर प्रसारित एक परिचर्चा कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणियां करने के सिलसिले में दर्ज की गई थीं. इस परिचर्चा कार्यक्रम की प्रस्तोता (एंकर) कुमार ही थीं.
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी (Justices Krishna Murari) और न्यायमूर्ति हिमा कोहली (Justices Hima Kohli) की पीठ ने कुमार की उनके खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने का आग्रह करने वाली याचिका पर केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी किया. पीठ ने कहा, 'एक अंतरिम उपाय के तहत, संबंधित प्राथमिकियों/शिकायतों या 26 मई को प्रसारित हुए कार्यक्रम के संबंध में भविष्य में दर्ज की जाने वाली प्राथमिकियों/शिकायतों के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए.'
कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि ज्ञानवापी मस्जिद पर चर्चा की जा रही थी, तभी अचानक से एक वक्ता ने कुछ कहा और फिर अन्य वक्ता ने जवाब दिया. रोहतगी ने कहा कि समाचार प्रस्तोता ने कुछ भी नहीं कहा और उनके खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज करा दी गईं. अधिवक्ता ने कहा कि कुमार ने यह कहकर आग बुझाई कि 'हमें संविधान का पालन करना है.'
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि प्राथमिकी कोलकाता में दर्ज की गई है और दिल्ली में दर्ज प्राथमिकी इससे संबंधित नहीं है. रोहतगी ने कहा, 'पश्चिम बंगाल राज्य की इस मामले में क्या विशेष रूचि है?' पीठ ने फिर मामले में नोटिस जारी किया और दो हफ्ते में जवाब तलब किया. शर्मा की टिप्पणी के बाद देश भर में प्रदर्शन हुए थे और खाड़ी देशों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी जिसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. शीर्ष अदालत ने टीवी कार्यक्रम में पैगंबर के लिए की गई टिप्पणियों के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकियों के संबंध में शर्मा को 10 अगस्त तक अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था.
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