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अजित पवार के खिलाफ की गई कार्रवाई बदनाम करने की कोशिश : नवाब मलिक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को कहा कि आयकर विभाग द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का कोई संबंध नहीं है और इसका मकसद उन्हें बदनाम करना है. पढ़ें पूरी खबर...

राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक
राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक

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Published : Nov 2, 2021, 7:38 PM IST

मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को कहा कि आयकर विभाग (Income Tax department) द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar) का कोई संबंध नहीं है और इसका मकसद उन्हें बदनाम करना है.

केंद्रीय एजेंसियां MVA सरकार पर बनाना चाहती हैं दबाव

राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक (NCP spokesperson Nawab Malik) ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियां महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा के गठबंधन वाली महा विकास आघाड़ी (Maha Vikas Aghadi - MVA) सरकार पर दबाव बनाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी और उससे जुड़ा हर व्यक्ति बिना डर के इसका सामना करेगा.

1,400 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क

अजित पवार के रिश्तेदारों से जुड़े परिसरों पर पिछले महीने देशभर में व्यापक छापेमारी के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को मुंबई, नयी दिल्ली, पुणे, गोवा में उनकी संपत्तियों और राज्यभर में दो दर्जन से अधिक भूखंडों को कुर्क करने के अस्थायी आदेश दिए. इस कुर्क संपत्ति की बाजार में कुल कीमत करीब 1,400 करोड़ रुपए है.

एक आयकर सूत्र ने पुष्टि की कि उनके बेनामी संपत्ति विभाग ने 1988 के बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम के तहत राकांपा नेता के बेटे पार्थ पवार समेत उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी विभिन्न संपत्तियों को कुर्क करने के अस्थायी आदेश जारी किए हैं.

'अजित पवार को बदनाम करने की कोशिश'

राकांपा के वरिष्ठ मंत्री मलिक ने कहा, ऐसा बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने अजित पवार से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क किया है, लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है. यह संपत्ति हरेक की है और वे कह रहे हैं कि यह अजित पवार की है. ऐसा उन्हें बदनाम करने के लिए किया गया है.

अजित पवार राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे हैं.

सूत्र ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के संबंधियों को यह साबित करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है कि इन संपत्तियों पर उनका वैध अधिकार है और इसे अवैध धन से खरीदा नहीं गया है. जांच लंबित रहने के दौरान वे ये संपत्तियां बेच नहीं सकते.

मलिक ने कहा, पश्चिम बंगाल में जो (केंद्रीय एजेंसियों का कथित दुरुपयोग) हुआ, वह अब महाराष्ट्र में हो रहा है.

पढ़ें :DyCM अजित पवार की 1000 करोड़ की संपत्ति सीज

उन्होंने कहा कि 2019 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कई नेताओं पर दबाव बनाया, जिससे वे अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.

उन्होंने कहा कि वही नेता अब कहते हैं कि वे अब शांति से सो सकते हैं, क्योंकि केंद्रीय एजेंसियों की किसी जांच का उन पर कोई दबाव नहीं है.

मलिक भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल के पिछले महीने दिए गए बयान का स्पष्ट रूप से जिक्र कर रहे थे.पाटिल ने कहा था कि भगवा दल में आकर वे गहरी नींद का आनंद ले रहे हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कोई जांच नहीं चल रही. पाटिल 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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