हमीरपुर :हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के प्रगतिशील बागवान प्रविन्द्र कुमार ने अश्वगंधा के पौधे पर ग्राफ्टिंग तकनीक से बैंगन पैदा कर कमाल कर दिखाया है. इतना ही नहीं प्रगतिशील बागवान के घर के आंगन में बनी छोटी सी नर्सरी में टूटी फूटी प्लास्टिक की बाल्टी और बोतलों में फल और सब्जियां के पौधे नजर आएंगे. प्रविन्द्र अपने बागवानी के शौक में प्लास्टिक के कचरे का भी इस्तेमाल करते हैं.
बागवान प्रविन्द्र कुमार उन लोगों के लिए भी मिसाल हैं जो लोग बागवानी का शौक तो रखते हैं, लेकिन उनके पास जमीन की कमी है. अगर प्रविन्द्र की बागवानी की तकनीक को अपनाया जाए तो आप अपने पक्के मकान और गैलरी में भी प्लास्टिक रूपी कचरे में फल सब्जियां आसानी से उगा पाएंगे. लंबे समय से बागवानी के क्षेत्र में प्रयोग करने वाले प्रविन्द्र कुमार एक बार फिर अपने इस अनोखी पैदावार को लेकर चर्चा में हैं. बैंगन के साथ ही अश्वगंधा के पौधे पर ही उन्होंने हरी मिर्च और टमाटर भी उगाये हैं.
इससे पहले भी वह इस तरह के कई कारनामे कर चुके हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने दर्जनों बीमारियों को दूर करने वाला एवोकाडो का पौधा तैयार करने में सफलता हासिल की है. पौधे को तैयार करने में उन्हें करीब डेढ़ साल तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी. एवोकाडो को वैज्ञानिक भाषा में पर्सिया अमरीकाना कहा जाता है. माना जाता है कि इस खास फल की उत्पत्ति लगभग सात हजार साल पहले दक्षिणी मैक्सिको और कोलंबिया में हुई थी.