लखनऊ :22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन है राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले आयोजित हो रही दीपावली को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इस बार के दीपोत्सव को न केवल पूरी भव्यता के साथ आयोजित कर रहा है. बल्कि इस बार इसमें कई ऐसी चीजों को भी शामिल किया है जो आज से पहले कभी देखने को नहीं मिली है. पर्यटन विभाग अयोध्या में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले इस बार की दीपावली को त्रेता युग की दीपावली की तरह आयोजित कर रहा है. जिसके माध्यम से देश के जन-जन तक यह संदेश देने की कोशिश की जारी की किस तरह से भगवान राम जब अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करके वापस अयोध्या आए थे. तो उसे समय अयोध्या वासियों ने किस तरह से अपने घरों के बाहर दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. रात में होने वाले दीपोत्सव के कार्यक्रम के साथ दिन में भी पर्यटन विभाग की ओर से कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं.
शोभा यात्रा में शामिल हो रहे आठ रथ होंगे विशेष आकर्षण का केंद्र : दीपोत्सव पर निकलने वाली शोभायात्रा में इस बार आठ तरह के विशेष रथ शामिल हो रहे हैं. इन आठ रथों पर रामायण से जुड़ी हुई चीज दिखाई जाएगी. पर्यटन विभाग ने विशेष तौर पर इन तत्वों को तैयार कराया है, जिस पर रामायण के सभी सात काण्ड को दर्शाया गया है. इन रथों पर हर काण्ड में हुई घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है. पर्यटन विभाग इस बार की शोभा यात्रा को मुक्त आकर्षण का केंद्र बना रहा है. ईटीवी भारत के पास इस शोभायात्रा के लिए तैयार हो रहे रथों की पहली झलक की तस्वीरें हैं.
राम दरबार रथ- इस शोभायात्रा में सबसे आखिरी में राम दरबार का रथ होगा. जिसमें भगवान राम दरबार झांकी लोगों को दिखाई जाएगी. राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण हनुमान जी को विराजमान दिखाया जाएगा.
बालकाण्ड - यात्रा में सबसे आगे बालकाण्ड का रथ होगा, इस रथ पर जो झांकियां बनी होंगी उसमें अयोध्या के महल के साथ भगवान राम के जन्म को दिखाया जाएगा. साथ ही वह गुरु विश्वामित्र के साथ जब वन में जा रहे होंगे तब उसे समय तर्क वध, इसके बाद सीता स्वयंवर में भगवान शिव का धन उस भंग करना और फिर सीता स्वयंवर से जुड़ी हुई झांकी प्रस्तुत होगी.
अयोध्या काण्ड-यात्रा में दूसरे नंबर पर अयोध्याकाण्ड का रथ होगा. इस रथ पर भगवान राम सीता और लक्ष्मण के अयोध्या छोड़ने की झांकी होगी. साथ ही इस रथ पर जब वह निषादराज उन्हें गंगा पार कराते हैं, उसकी झांकी व वन में महाराज दशरथ की मृत्यु के बाद जब भरत उन्हें खोजते हुए पहुंचेंगे, उस समय राम और उनका मिलाप की झांकी दिखाई जाएगी.
अरण्यकाण्ड- यात्रा में तीसरे नंबर पर अरण्यकाण्ड का रथ होगा. इस रथ में पंचवटी वन का दृश्य के साथ ही सूर्पनखा का नाक काटना, सीता हरण और जटायु वध दिखाया जाएगा.