नई दिल्ली :कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) 16 जनवरी को बेंगलुरु में पार्टी के एक महिला सम्मेलन को संबोधित करेंगी. इस दौरान वह एक कल्याणकारी योजना की घोषणा करने वाली हैं. राज्य में पार्टी महिला कार्यकर्ताओं के राज्य स्तरीय सम्मेलन, रैली के अलावा एक पहुंच कार्यक्रम शुरू करेगी, जिसके तहत कांग्रेस आने वाले सप्ताह में महिला मतदाताओं का समर्थन जुटाने की कोशिश करेगी.
बता दें कि कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों में 17 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिए थे और उसके 6 विधायक हैं. इस बार इस क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए अधिक महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के तरीकों पर विचार कर रही है. इसके लिए राज्य की चुनाव समिति पहले से ही हर जिले में कम से कम एक संभावित महिला का चेहरा तलाश रही है, जिसे टिकट दिया जा सके.
इस संबंध में कर्नाटक के जयनगर विधानसभा की कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी ने कहा कि कर्नाटक के शहरों और गांवों दोनों में महिलाओं से संबंधित बहुत सारे मुद्दे हैं. महिलाएं सामाजिक हिंसा, मूल्य वृद्धि, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नौकरी के नुकसान और हिजाब प्रतिबंध जैसे मुद्दों के कारण पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले से ही एक कार्यक्रम चला रही है जो राज्य की हर महिला को एक नेता के रूप में देखती है. हम वरिष्ठ नेतृत्व से इस बार अधिक महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए भी कह रहे हैं. सौम्या ने स्वीकार किया कि प्रियंका गांधी की रैली के दौरान 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली के हालिया आश्वासन की तर्ज पर एक वादा किया जा सकता है लेकिन उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके बारे में 16 जनवरी को ही पता चल सकेगा.
वहीं राज्य के वरिष्ठ नेता प्रकाश राठौड़ और विधायक सौम्या रेड्डी ने बताया कि कांग्रेस ही थी जिसने ग्राम पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया और विधानसभाओं और लोकसभा में उनके लिए आरक्षण का समर्थन किया. वहीं राठौड़ ने कहा कि प्रियंका गांधी कुछ कहती हैं तो वह हो जाता है. इसका प्रमाण हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का उनका वादा है, जिसे राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को अपनी पहली बैठक में पास कर दिया.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के द्वारा गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बना रही है.' उन्होंने कहा कि आने वाले सप्ताह में कांग्रेस इस बात को मजबूती से रखेगी कि उनकी पार्टी की सरकार चुनावी वादों को पूरा करती है, जबकि भाजपा वादे भूल जाती है. राठौड़ ने कहा कि हमने 138 मुद्दों की पहचान की है और प्रश्नों के रूप में एक सूची तैयार की है. ये उन वादों से संबंधित हैं जो भाजपा ने 2018 में किए थे, लेकिन पूरे नहीं किए.
बता दें कि 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत में 7 किलो मुफ्त चावल के वादे ने बड़ी भूमिका निभाई थी. वहीं 2013-2018 के दौरान सिद्धारमैया सरकार ने 99 प्रतिशत चुनावी वादों को पूरा किया. लेकिन भाजपा कभी अपनी बात नहीं रखती. राठौड़ ने कहा कि हम मतदाताओं को दोनों दलों के दृष्टिकोण में इस अंतर के बारे में जागरूक करेंगे. उन्होंने सत्ताधारी दल पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपाई सिर्फ घोषणाएं करते है लेकिन काम नहीं करते, इसे लोगोंं महसूस किया है.
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