नई दिल्ली : कांग्रेस मैनपुरी में अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी. इस सीट से समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को टिकट दिया है. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है. भाजपा ने यहां से रघुराज शाक्य को उम्मीदवार बनाया है. यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी ने उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा की है.
सूत्रों का कहना है कि इस फैसले से प्रियंका गांधी संदेश देना चाहती हैं. विगत में यूपीए सरकार को सपा ने सहयोग किया था, इसलिए वह मुलायम सिंह यादव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहीं हैं. उनके निधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे, कमलनाथ और भूपेश बघेल को मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई भेजा था. इसके अलावा अशोक गहलोत और प्रमोद तिवारी भी उनकी अंत्येष्टि में व्यक्तिगत तौर पर शामिल हुए थे. सलमान खुर्शीद और सचिन पायलट जैसे नेता भी अखिलेश यादव से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाने पहुंचे थे.
सपा ने डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है ताकि उन्हें नेताजी के प्रति जनता की सहानुभूति का फायदा मिल सके. इसके पहले डिंपल मैनपुरी की बगल वाली कन्नौज लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. कांग्रेस ने हालांकि, आधिकारिक तौर पर यह नहीं कहा है कि वह सपा का फेवर कर रही है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष बृजलाल खबरी ने ईटीवी भारत से कहा, 'हम मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव नहीं लड़ रहे हैं. हमने राज्य में पार्टी को पुनरुज्जीवित करने की योजना बनाई है. और हमलोग इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं. इसलिए बीच में लोकसभा का उपचुनाव लड़कर हम अपना फोकस चेंज नहीं करना चाहते हैं. यह हमारे काम में बाधा उत्पन्न करेगा. हम अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं. इस चुनाव से हमें कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है.'
खबरी ने यह भी कहा कि इससे बेहतर ये है कि हमारा ध्यान दिसंबर में होने वाले स्थानीय चुनाव पर हो और हमारी कोशिश जारी है. उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है और पंचायत चुनाव उसका सबसे बेहतर माध्यम है. प्रियंका गांधी ने जब खबरी को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी, तो उन्होंने पूरे प्रदेश को छह जोन में बांटकर उसे एक-एक नेता के जिम्मे सौंपने का भी फैसला किया.