लखनऊ : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. इस दौरान कांग्रेस ने किसान आंदोलन को किसान महापंचायत का रूप दे दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसान महापंचायत कर रही हैं. रविवार को प्रियंका गांधी ने मेरठ के कैली गांव में किसान महापंचायत को संबोधित किया. इस दौरान प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को जारी रखने की सलाह दी. साथ ही नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केवल अपने दो दोस्तों के बारे में सोचते हैं. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद संसद में किसानों का अपमान किया है. पीएम मोदी किसानों को आंदोलनजीवी कहकर हंसे हैं, जिससे किसानों का अपमान हुआ है.
मेरठ में आयोजित महापंचायत में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी और अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि उनका एक ही नारा है 'हम दो, हमारे दो'. इस बात से उन्होंने अंबानी-अडानी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं. जब तक यह काले कानून वापस नहीं हो जाते, तब तक आपको आंदोलन करते रहना है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी आपके साथ हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केवल अपने दो दोस्तों के लिए सोचते हैं, किसानों से उनका कोई वास्ता नहीं है, जबकि देश को आजादी दिलाने में किसानों का सबसे बड़ा योगदान रहा है.
प्रियंका ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने ये कृषि कानून इसलिए बनाए हैं, जिससे उनके दो साथियों अंबानी और अडानी को फायदा पंहुचाया जा सके. पहला कानून भाजपा नेताओं के अरबपति मित्रों के लिए बनाया गया है. यह कानून जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा, जबकि 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कानून बनाकर जमाखोरी बंद करवाई थी. बीजेपी सरकार में उसी कानून को बदला गया है. ये नया कानून बड़े-बड़े खरबपतियों को फायदा पहुंचाएगा. किसान को उनकी फसल का दाम क्या मिलना है? फसल को कब और कैसे खरीदा जाएगा ? ये व्यापारी तय करेंगे.
'जमाखोरी को मिलेगा बढ़ावा'
प्रियंका गांधी ने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी, क्योंकि उस कानून के तहत बड़े पूंजीपति अपनी प्राइवेट मंडियां खोलेंगे. वहां किसान को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इससे साफ होता है कि टैक्स से बचने के लिए किसान प्राइवेट मंडियों में अपनी फसल बेचने जाएंगे, जिससे जमाखोर किसान की फसल की जमाखोरी करने लगेंगे. जब मन चाहेगा तब किसान से उसकी फसल को मनमाने दाम खरीदा जाएगा. उसके लिए कोई न्यूतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित नहीं किया जाएगा.
'नए कानून से सरकारी मंडियां बंद होंगी'