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प्रियंका गांधी की नजरबंदी पूरी तरह से गैर-कानूनी : चिदंबरम - Priyanka Gandhi detention sitapur

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रविवार को लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश के दौरान सीतापुर के हरगांव से हिरासत में लिया गया था. जिस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की नजरबंदी को पूरी तरह से गैर-कानूनी बताया है. पढ़ें पूरी खबर...

चिदंबरम
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Published : Oct 5, 2021, 5:29 PM IST

नई दिल्ली :कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रविवार को लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश के दौरान सीतापुर के हरगांव से हिरासत में लिया गया था. जिसपर पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की नजरबंदी को पूरी तरह से गैर-कानूनी बताया है और कहा है कि इस घटना ने निर्णायक रूप से स्थापित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में कानून का शासन नहीं है. पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कानून और उनके आदेश का पालन करती दिख रही है.

गांधी को सीतापुर में लखीमपुर खीरी जाते समय हिरासत में लिया गया था, जहां रविवार को आठ लोग मारे गए थे। बता दें, रविवार की घटना में मरने वालों में चार किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत के लिए यात्रा कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे वाहनों से कुचल दिया गया था, अन्य में भाजपा कार्यकर्ता और उनके ड्राइवर शामिल थे, जिनकी कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.

एक बयान में, चिदंबरम ने कहा, सीतापुर में गांधी की नजरबंदी से संबंधित तथ्य और परिस्थितियां निर्णायक रूप से स्थापित करती हैं कि यूपी में कानून का शासन नहीं है.

पूर्व गृह मंत्री ने कहा, उन्हें सोमवार, 4 अक्टूबर को सुबह 4.30 बजे गिरफ्तार किया गया. उन्हें सीतापुर में पीएसी गेस्ट हाउस में हिरासत में लिया गया है. संबंधित जिला कलेक्टर और न्यायिक मजिस्ट्रेट दोनों सीतापुर में तैनात हैं. उनकी गिरफ्तारी और हिरासत पूरी तरह से गैर-कानूनी है और एक सत्ता का दुरुपयोग है.

चिदंबरम ने कहा, गिरफ्तारी करने वाले पुलिस अधिकारी ने उसे बताया कि प्रियंका को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है. S. 151 के तहत गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है, जब तक कि कानून के किसी अन्य प्रावधान के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट का आदेश न हो.

उन्होंने बताया कि वह 30 घंटे से अधिक समय से हिरासत में है और उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, किसी न्यायिक मजिस्ट्रेट का कोई आदेश नहीं है. अनुच्छेद 19 और 21 के तहत उनके संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन किया गया है. उनकी 'गिरफ्तारी' ने सीआरपीसी के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है.

चिदंबरम ने रेखांकित किया कि सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और गांधी को सुबह 4.30 बजे गिरफ्तार किया गया था, जो गैर-कानूनी है. चिदंबरम ने कहा, उन्हें एक पुरुष पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तार किया था वो भी गैर-कानूनी है. गिरफ्तारी का कोई ज्ञापन नहीं था और न ही उसे दिया गया था और न ही उसके हस्ताक्षर लिए गए थे - जो कि अवैध है.

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उन्होंने आरोप लगाया, "यूपी में कानून व्यवस्था का मतलब श्री आदित्यनाथ के कानून और श्री आदित्यनाथ के आदेश से है. यूपी में पुलिस कानून का पालन नहीं कर रही है, लेकिन श्री आदित्यनाथ के कानून और श्री आदित्यनाथ के आदेश का पालन कर रही है. चिदंबरम ने जोर देकर कहा कि यह बेहद गैर-कानूनी और पूरी तरह से शर्मनाक था. उन्होंने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी यूपी सरकार और पुलिस के कथित मनमानी और असंवैधानिक कृत्यों की कड़ी निंदा करती है.

(पीटीआई-भाषा)

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