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असम में प्रियंका ने खोला 'चुनावी पिटारा', हर गृहिणी को दो-दो हजार देने का वादा

दिल्ली और दिसपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों पर अपने वादों से मुकरने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह चाय श्रमिकों के दैनिक वेतन में 365 रुपये तक बढ़ोतरी करेगी.

Priyanka
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Published : Mar 2, 2021, 8:47 PM IST

तेजपुर :प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार से उत्तरी असम के जिलों के दौरे पर हैं. उन्हें मंगलवार को प्रतापगढ़ के चाय बागान में बागान के श्रमिकों के साथ बातचीत करते हुए देखा गया. उन्होंने चाय पत्ती तोड़ने के साथ ही एक चाय बागान के मजदूर के घर जाकर परिवार के साथ चाय की चुस्की ली और आराम भी किया. उन्होंने एक चाय बागान की लेबर लाइन में बच्चे को भी खिलाया.

इससे पहले सोमवार को प्रियंका गांधी को लखीमपुर में कुछ युवा लड़कियों के साथ 'झुमूर' नृत्य किया था. उन्होंने कहा कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है तो हम चाय बागान श्रमिकों की मजदूरी में 365 रुपये प्रतिदिन तक की बढ़ोतरी करेंगे. हम प्रतिबद्धता के साथ कह रहे हैं कि सरकार गठन के 30 दिनों के भीतर यह काम हो जाएगा. मंगलवार को तेजपुर में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शोध से पता चला है कि चाय बागानों के लाभ को प्रभावित किए बिना मजदूरी को प्रति दिन 365 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.

5 लाख नौकरियों का वादा

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि असम में चाय बागान के मजदूर अपनी मजदूरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. कई आश्वासनों के बावजूद असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने वादा नहीं पूरा किया. कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा कि पार्टी सत्ता में आने पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को निरस्त कर देगी और 200 यूनिट तक के हर घर को मुफ्त बिजली प्रदान करेंगी. इतना ही नहीं हर महीने हर गृहिणी को 2000 रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी सत्ता में आने के तुरंत बाद सरकारी क्षेत्र में 5 लाख नौकरियां भी पैदा करेगी.

भाजपा ने नहीं निभाए वादे

उन्होंने वादों को निभाने में विफल रहने के लिए दिल्ली और दिसपुर में भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया. कहा कि पिछले पांच वर्षों में भाजपा ने जो वादा किया था उसके ठीक विपरीत काम किया है. उन्होंने कांग्रेस की अगुआई वाले महागठबंधन में शामिल होने के बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के फैसले का भी स्वागत किया और कहा कि विभिन्न दल गठबंधन में वापस आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें भाजपा के वादों और आश्वासनों की निरर्थकता का एहसास हुआ है.

खोई जमीन पाने की कोशिश

यह कहते हुए कि यह चुनाव असम की पहचान और उसके भविष्य की लड़ाई है. गांधी ने कहा कि लोगों को मतदान के लिए सचेत निर्णय लेना होगा, ताकि राज्य की पहचान के साथ-साथ व्यक्तियों को भी बचाया जा सके. कांग्रेस के गढ़ के रूप में उत्तरी असम के जिलों में गांधी की यात्रा को कांग्रेस को क्षेत्र में फिर से वापसी के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. जहां 2016 के चुनावों में वे भाजपा और एजीपी से हार गए थे.

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पार्टी सूत्रों ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान प्रियंका गांधी ने लखीमपुर, धेमाजी, डिब्रूगढ़, जोरहाट, शिवसागर, बिश्वनाथ, सोनितपुर, दर्रांग, उदलपुरी और गोलाघाट सहित दस जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.

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