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Sanatan Dharma Remark : सनातन धर्म पर टिप्पणी को लेकर भिड़े प्रियांक खड़गे और बीएल संतोष

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म से जुड़े बयान के बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. इस बीच एक्स पर कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे और भाजपा नेता बीएल संतोष के बीच एक बहस भी हुई. पढ़ें पूरी खबर...

Sanatan Dharma Remark
प्रतिकात्मक तस्वीर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 12:40 PM IST

नई दिल्ली : कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री, प्रियांक खड़गे और भाजपा नेता के बीच एक्स पर एक गरमा-गरम बहस देखने को मिली. प्रियांक खड़गे ने मंगलवार को सनातन धर्म टिप्पणी विवाद पर अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से कई संक्रमण होते रहे हैं और आज भी प्रचलित हैं. जो इंसानों के बीच भेदभाव करते हैं और जिनकी वजह से कुछ लोगों को इंसान होने की गरिमा से वंचित होना पड़ता है. खड़गे का यह बयान तब आया जब भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बी.एल. संतोष ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में प्रियांक खड़गे के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. बीएल संतोष ने लिखा था कि तो अगर किसी के पेट में संक्रमण है, तो आप सिर काट देते हैं..?

बीएल संतोष का पोस्ट खड़गे के उस बयान के जवाब में था जिसमें उन्होंने कहा था कि कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की विशालता है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है. प्रियांक खड़गे सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.

बी.एल.संतोष की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने एक्स पर लिखा कि बहुत खुशी है कि बीएल संतोष इस बात से सहमत हैं कि एक संक्रमण है जिसके उपचार की आवश्यकता है. हजारों वर्षों से कई संक्रमण हैं और आज भी प्रचलित हैं जो मनुष्यों के बीच भेदभाव करते हैं.

उन्होंने कहा कि मैं आपके जितना बुद्धिमान नहीं हूं, लेकिन कृपया मुझे बताएं समाज में ये नियम किसने बनाए? किसी को दूसरे से अधिक नेक क्या बनाता है? किसने हमें जाति के आधार पर विभाजित किया? कुछ लोग अछूत क्यों हैं? अब भी कुछ लोगों को मंदिरों में प्रवेश करने पर प्रतिबंध क्यों है. महिलाओं की निम्न स्थिति को सुनिश्चित करने वाली प्रथाओं का, जाति आधारित सामाजिक संरचना जो असमान और दमनकारी है इसे किसने शामिल किया?

उन्होंने कहा कि किसी का सिर काटने का इरादा नहीं है, लेकिन सभी को समान अधिकार और सम्मान के साथ संक्रमण का इलाज करने की जरूरत है. इन सभी संक्रमणों का एकमात्र इलाज संविधान है जिसके खिलाफ आपका संगठन और आप हैं. खड़गे ने अपने पोस्ट की शुरुआत में लिखा कि आप कर्नाटक से हैं, कृपया गुरु बसवन्ना के उपदेशों का प्रसार करें, इससे हमें एक अधिक न्यायसंगत समाज बनाने में मदद मिलेगी.

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अपने नवीनतम पोस्ट में बीएल संतोष ने जवाब देते हुए कहा कि वामपंथी, नक्सली, अर्बन नक्सल, जिनमें से कई आपके करीबी सर्कल में हैं, ने स्थिति का फायदा उठाया. सोचें कि आप किस तरफ जुड़ना चाहते हैं. इस देश और सभ्यता के पास मजबूत आंतरिक सुधार तंत्र है जिसे उसने समय-समय पर प्रदर्शित किया है. इससे पहले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को कहा था कि सनातन धर्म का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए.

(एएनआई)

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