नई दिल्ली : उद्धव सेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कथित तौर पर सत्तारूढ़ शिवसेना को फर्जी और 'चोर मंडली' (चोरों का गिरोह) करार दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की मांग को लेकर भारी हंगामा हुआ. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सदन को 'चोर मंडली' कहना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह विधायिका का अपमान है.
उन्होंने आग्रह किया कि यह किसी एक पार्टी या सदस्य का मामला नहीं है, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की गरिमा पर हमला है, यह एक मिसाल कायम कर सकता है और भविष्य में कोई भी कुछ भी कह कर बच के निकल सकता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अतुल भातकलकर ने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस पेश किया और इसे 'बेहद गंभीर मामला' बताया.
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि वो राउत के बयानों की पूरी तरह से जांच करेंगे और 8 मार्च को इस मामले में फैसला लेंगे और सदन को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया. चारों ओर से घिरे राउत ने अपनी ओर से दावा किया कि उनकी 'टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया'. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में किसी भी जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
इससे पहले, भाजपा विधायक आशीष शेलार, नितेश राणे और अन्य ने राउत की आलोचना की और उनके बयान को महाराष्ट्र के साथ 'विश्वासघात' बताया. नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) अजीत पवार और नेता प्रतिपक्ष (विधान परिषद) अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी का बयान 'गलत' था. दोनों पक्षों के भारी हंगामे के बीच, सदन को कम से कम तीन बार स्थगित किया गया, और अंत में लगभग 1 बजे, इसे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.