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निजी अस्पताल का कर्मचारी एएनएम पत्नी के साथ कर रहा था कोरोना संक्रमित का इलाज, ऐसे खुला राज

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Published : May 2, 2021, 10:44 PM IST

Updated : May 2, 2021, 10:52 PM IST

उज्जैन के ऋषिनगर में निजी अस्पताल में काम करने वाला एक कर्मचारी घर पर ही कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहा था. इसकी जानकारी पड़ोसियों ने अधिकारियों को दी, जिसके बाद कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया.

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उज्जैन : ऋषिनगर से लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. निजी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी और उसकी एएनएम पत्नी घर पर ही कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे थे. इस बात की भनक जब पड़ोसियों को लगी, तो उन्होंने इसकी शिकायत तहसीलदार से कर दी, जिसके बाद तहसीलदार ने कार्रवाई करते हुए आरोपी कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.

घर को बनाया अस्पताल

पड़ोसियों ने बताया की ये अपने किसी रिश्तेदार का इलाज घर पर ही कर रहे थे. इसको लेकर हमने कुछ नहीं बोला, लेकिन आरोपी कर्मचारी यहां कई संक्रमितों का इलाज करने लगा. इसको लेकर हमने शिकायत की है. आरोपी कर्मचारी के घर पर पिछले 15 दिनों से एम्बुलेंस और ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे थे. हालांकि, घर के मालिक का कहना है कि वह जिस मरीज का इलाज कर रहे थे, वह उनका रिश्तेदार है.

कोरोना संक्रमित का घर पर हो रहा था इलाज.

उज्जैन का ऋषिनगर पहले से ही कोरोना संक्रमण को लेकर हॉटस्पॉट बना हुआ है. ऐसे में बड़ी लापरवाही सामने आई है. निजी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी ने घर को ही अस्पताल बना दिया. साथ ही घर पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने लगा. इस बात की भनक जब पड़ोसियों को लगी, तो उन्होंने इसकी खबर अफसरों को दी. इसके बाद रविवार को तहसीलदार ने ऋषिनगर के एफ 48 मकान में पहुंचे और 188 में मामला दर्ज कर घर को कोरोना प्रोटोकॉल में सील करवा दिया.आरोपी की पत्नी भी स्वास्थ्य विभाग में है. अब इस बात की जानकारी ली जा रही है कि इस पूरे मामले में इसकी पत्नी का हाथ तो नहीं था.

यहां रहने वाला रविंद्र उज्जैन के निजी अस्पताल में काम करता है और उसकी पत्नी मनीषा ठाकुर एएनएम है. पत्नी सरकारी कर्मचारी होकर अभी टीकाकरण में काम कर रही है. इनके घर पर कुछ कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है.

कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज

इस बात की सूचना मिलते ही तहसीलदार अभिषेक शर्मा ऋषिनगर स्थित घर पहुंचे. यहां आरोपी रवींद्र से जानकरी ले ही रहे थे कि उनके घर ऑक्सीजन के सिलेण्डर लेकर ऑटो पंहुच गया. इस पर तहसीलदार ने ऑटो वाले को भी रुकवा लिया. तहसीलदार अभिषेक शर्मा ने रवींद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि घर में एक ही मरीज है जो कि उसका रिश्तेदार है. उनके घर पर जगह नहीं थी, तो हम अपने घर ले आए. फिलहाल, उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. कर्मचारी ने प्रशासन को बिना बताए कोरोना मरीज को अपने घर पर रखा इसलिए उसके खिलाफ धारा-188 में मामला दर्ज किया गया है.

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Last Updated : May 2, 2021, 10:52 PM IST

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