नई दिल्ली:भारत सरकार ने पवन हंस लिमिटेड में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी 211.14 करोड़ रुपये में स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को बेचने के लिए अपनी रजामंदी दे दी है. बता दें कि स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने इसके लिए सबसे उंची बोली लगाई थी जिसपर आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने भी अपनी सहमति दे दी है. सीसीईए ने पवन हंस लिमिटेड में भारत सरकार की संपूर्ण हिस्सेदारी (शेयरहोल्डिंग का 51 प्रतिशत) की बिक्री के लिए मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की उच्चतम बोली को स्वीकार किया है. PHL और प्रबंधन नियंत्रण का हस्तांतरण की सूचना के संबंध में सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है.
PHL केंद्र सरकार और ONGC का एक संयुक्त उद्यम है जो हेलीकॉप्टर और एयरो मोबिलिटी सेवाएं मुहैया कराता है. सरकार के पास कंपनी में 51 फीसदी और ओएनजीसी के पास 49 फीसदी की हिस्सेदारी है. ओएनजीसी ने पहले रणनीतिक विनिवेश में पहचाने गए सफल बोलीदाता को अपनी पूरी हिस्सेदारी देने का फैसला किया था. सीसीईए ने अक्टूबर, 2016 में पीएचएल में पूरी सरकारी हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी. विनिवेश का प्रयास पहले तीन बार किया गया था.
पहले चरण में प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) 13 अक्टूबर, 2017 को जारी किया गया था. जिसमें एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) की मांग की गई थी. प्राप्त चार ईओआई में से केवल एक पात्र पाया गया और विनिवेश को रद्द कर दिया गया था. दूसरे चरण में 14 अप्रैल, 2018 को ईओआई की मांग करते हुए पीआईएम जारी किया गया था और दो बोलीदाताओं ही योग्य पाए गए थे और उन्हें प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) जारी किया गया था. अंत में आरएफपी के साथ गैर-अनुपालक एक एकल, अधूरी बोली प्राप्त हुई थी.