कानपुर:योगी सरकार में जहां अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जो कैदी जेल में बंद हैं उनकी मनोदशा को बदलने के लिए कई कवायदें की जा रही हैं. इसी कड़ी में कैदियों की अनूठी कैंटीन शुरू की गई है. इस कैंटीन का लाभ आम जनता को मिलेगा. बिना जेल के अंदर जाए आम लोग इन कैदियों के हाथों बनाया गया खाना खा सकेंगे. इसके दाम भी काफी वाजिब रखे गए हैं. महज 70 रुपए में आम लोगों को भरपेट खाना उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, दस रुपए में चाय दी जाएगी. इस कैंटीन को शुरू कराने के लिए डीएम कानपुर विशाख जी विशेष फंड जारी किया है. बताया गया कि कैंटीन में पहले चरण में दस कैदियों और सजा पूरी कर चुके कैदियों को लगाया गया है. डिमांड बढ़ने पर स्टाफ को बढ़ाया जाएगा. बताया गया कि कैंटीन में लोगों को पैकिंग की भी सुविधा दी जाएगी.
इस बारे में जेल अधीक्षक डॉ.बीडी पांडेय ने बताया कि जब कैदी जेल में आता है तो उसका मन डर से भरा होता है. कई ऐसे कैदी भी होते हैं जिनका दोबारा अपराध करने का मन करता है, और वह नकारात्मक विचारों से घिरे रहते हैं. जब कैदियों को यह समझाया जाएगा, कि उन्हें सरकार एक मौका दे रही है खुद के पैरों पर खड़ा होने के लिए तो निश्चित तौर पर बदलाव देखने को मिलेंगे. डा.बीडी पांडेय ने कहा कि कैंटीन से जो कमाई होगी उसका कुछ हिस्सा जहां पारिश्रमिक के तौर पर कैदियों को मिलेगा तो वहीं कुछ राशि जेल प्रशासन समिति को दी जाएगी जिससे भविष्य में और अधिक सुधार किए जा सकें.
इस बारे में डीएम विशाख जी ने कहा कि हमारे पास एक क्रिटिकल गैप फंड होता है. उसी फंड से यह कैंटीन शुरू कराई गई है. हमारा उद्देश्य है कि यह पहल पूरे सूबे के लिए एक नजीर बने जबकि कैदियों के बीच भी यह संदेश जाए, कि सरकार उनका हित चाहती है, बशर्ते वह अपराध की दुनिया से पूरी तरह किनारा कर लें.
ईटीवी भारत संवाददाता से नोडल अफसर अनिल कुमार ने बताया कि उप्र में कानपुर पहला ऐसा शहर है, जहां जेल के बाहर इस तरह ही कैंटीन शुरू की गई है. कैंटीन में चाय, कॉफी, पानी की बोतल, कोल्डड्रिंक्स के अलावा खाने की कई डिश मौजूद हैं. 70 रुपये में इस कैंटीन के अंदर पूरा खाना मिल रहा है. सारा सामान तैयार करने से लेकर आमजन को सर्व करने तक का काम कैदी ही करेंगे.