नई दिल्ली : केंद्र की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के खिलाफ पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि मैं इस बारे में राजनीतिक बहस में नहीं पड़ना चाहता, इसका अर्थशास्त्र बहुत स्पष्ट है. सरकार के पास बड़ी संख्या में संपत्ति है, यदि उनके लिए मुद्रीकरण करना और संसाधन जुटाना संभव है जिससे हम नए बुनियादी ढांचे में निवेश कर सकें या अर्थव्यवस्था या समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान कर सकें, तो इसमें गलत क्या है?
उन्होंने आर्थक बहस को अनावश्यक बताया और कहा कि मुंबई और कोलकाता में कई जमीनें हैं जो परित्यक्त हैं और उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. क्यों न हम उन जमीनों का इस्तेमाल करें और उनका मुद्रीकरण करें, जिससे नए उपयोगकर्ता उनका लाभ उठा सकें.
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी संसाधनों के कुशल उपयोग के खिलाफ कोई सार्थक आर्थिक तर्क दे सकता है, लेकिन राजनीतिक तर्क संभव है.
उन्होंने पूंजी बाजार को मजबूत और प्रभावशाली संपत्ति को बताते हुए कहा कि इन दोनों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ने की स्थिति में है. वहीं, घरेलू और विदेशी निवेशकों ने उन बड़े सुधारों की सराहना करना शुरू कर दिया है जो हमने कई वर्षों में किए हैं.