नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 'परीक्षा पे चर्चा' कर रहे हैं. इसमें शामिल होने के लिए 38 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराकर एक रिकॉर्ड बनाया है. चर्चा शुरू करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'परीक्षा पर चर्चा' मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं... मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सोशल स्टेटस का दवाब बच्चों पर न डालें. दूसरी ओर उन्होंने बच्चों से कहा कि दबाव पर ध्यान ना दें. उन्होंने कहा कि क्रिकेट में स्टेडियम में लोग चौका, छक्का चिल्लाते रहते हैं, तो क्या खिलाड़ी पब्लिक की डिमांड पर चौके छक्के लगाता है? खिलाड़ी केवल गेंद पर ध्यान देता है.
टाइम मैनेजमेंट को लेकर पीएम ने कहा कि मां से सीखें टाइम मैनेजमेंट सीखें. परीक्षा में नकल से बचने का मंत्र देते हुए कहा कि एक दो एग्जाम में नकल कर जिंदगी नहीं बन सकती है. पीएम ने बच्चों से कहा कि भले ही कोई नकल कर आपसे कुछ नंबर ज्यादा ले आए, मगर वह जिंदगी में आपके लिए रुकावट नहीं बन सकता. आप अपने भीतर की शक्ति पर भरोसा करें. पीएम मोदी ने कहा कि मैं सिद्धांत: मानता हूं कि समद्ध लोकतंत्र के लिए आलोचना एक शुद्यियज्ञ है. उन्होंने कहा कि लेकिन आरोप और आलोचना में फर्क होता है. आलोचना बहुत मुश्किल काम है. ऐसे में लोग शॉर्टकट अपनाते हैं और आरोप लगाते हैं. दोनो में बहुत फर्क है. हम आरोपों पर ध्यान न दें मगर आलोचना को अपने लिए जरूरी समझें.
सोशल मीडिया से भटके बिना पढ़ाई करने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट है? अगर आप खुद को गैजेट से ज्यादा स्मार्ट मानेंगे तो गैजेट का सही इस्तेमाल कर सकेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि हमें यह खुद समझना चाहिए कि हमें गैजेट्स का गुलाम नहीं बनना है. हमें टेक्नोलॉजी या गैजेट्स से भागना नहीं है, उसे अपनी जरूरत के अनुसार इस्तेमाल करना है. पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि हमारे आरोग्य शास्त्र में फास्टिंग का मंत्र है.
बदलते समय में अब हमें डिजिटल फास्टिंग की जरूरत है. अब हम देख रहे हैं कि एक ही घर में मां, बाप, बेटा सब अपने अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं. पहले लोग यात्रा करते समय गप्पे मारते थे, मगर अब मोबाइल में लग जाते हैं. आपको अपने घर में भी एक एरिया तय करना चाहिए जिसे नो टेक्नोलॉजी जोन कहा जाए.
मदुरै से अश्विनी ने अपना सवाल पीएम मोदी के समने रखा. पीएम मोदी ने कहा कि पैरेंट्स अपने बच्चों के बारे में बाहर जाकर बड़ी बड़ी बातें कर देते हैं, और फिर बच्चों से वैसी ही उम्मीद करते हैं. ऐसे में क्या हमें इन दवाबों से दबना चाहिए क्या? दिनभर जो कहा जाता है, उसी को सुनते रहेंगे या अपने अंदर झांकेंगे? क्रिकेट में स्टेडियम में लोग चौका, छक्का चिल्लाते रहते है, तो क्या खिलाड़ी पब्लिक की डिमांड पर चौके छक्के लगाता है? खिलाड़ी केवल गेंद पर ध्यान देता है.
मां से सीखें टाइम मैनेजमेंट:प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने पसंद की चीज में ही अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हैं. फिर जो विषय छूट जाते हैं उनका भार बढ़ता जाता है. ऐसे में सबसे कठिन विषय को सबसे पहले और उसके ठीक बाद सबसे पसंद का विषय. ऐसे ही एक के बाद एक पसंद और नापसंद के विषयों को समय दें. उन्होंने कहा कि केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए. आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है उसको पहले समय दीजिए... उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है. पीएम ने कहा, क्या आपने आपने कभी अपनी मां के काम को ऑब्जर्व किया है? मां दिन के हर काम का टाइम मैनेजमेंट सबसे अच्छी तरह से करती है. मां के पास सबसे ज्यादा काम होता है, मगर उसका टाइम मैनेजमेंट इतना अच्छा होता है कि हर काम समय पर होता है.
परीक्षा में नकल से बचने के लिए पीएम का मंत्र : पीएम ने कहा कि ऐसे कुछ टीचर्स होते हैं जो ट्यूशन पढ़ाते हैं. वे चाहते हैं कि उन्हे स्टूडेंट्स अच्छे नंबर लाएं इसलिए वे ही नकल को बढ़ावा देते हैं. पीएम ने कहा कि छात्र नकल के लिए जितनी क्रिएटिविटी दिखाते हैं, उतनी पढ़ाई के लिए दिखाएं तो नकल की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्रधानमंत्री ने कहा, समय पर ऐसा आ गया है कि हर कदम पर एग्जाम देना होगा. एक दो एग्जाम में नकल कर जिंदगी नहीं बन सकती है.
इसलिए ये वातावरण बनाना जरूरी है कि नकल कर आगे बढ़ भी गए लेकिन आगे चलकर जिंदगी में फंसे रहोगे. पीएम ने बच्चों से कहा कि भले ही कोई नकल कर आपसे कुछ नंबर ज्यादा ले आए, मगर वह जिंदगी में आपके लिए रुकावट नहीं बन सकता. आप अपने भीतर की शक्ति पर भरोसा करें. पीएम ने बच्चों से कहा कि भले ही कोई नकल कर आपसे कुछ नंबर ज्यादा ले आए, मगर वह जिंदगी में आपके लिए रुकावट नहीं बन सकता. आप अपने भीतर की शक्ति पर भरोसा करें.
स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क में से क्या चुनें?: इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, आप सभी ने प्यासे कौवे की कहानी सुनी होगी, जिसमें कौवा मटके में कंकड डालकर पानी पीता है. क्या ये उसका हार्डवर्क था या स्मार्टवर्क? कुछ लोग हार्डली स्मार्टवर्क करते हैं जबकि कुछ लोक स्मार्टली हार्डवर्क करते हैं. कौवे से हमें यही सीखना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार एक व्यक्ति की गाड़ी खराब हो गई. वह घंटो धक्का लगाता रहा मगर गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई. उसने एक मैकेनिक को बुलाया जिसने 2 मिनट में गाड़ी ठीक कर दी और 200 रुपये का बिल बना दिया. व्यक्ति ने कहा कि 2 मिनट के काम के 200 रुपये कैसे. मैकेनिक ने कहा कि 200 रुपये 2 मिनट के नहीं, 20 साल के अनुभव के हैं.
सामान्य लोग ही असामान्य काम करते हैं : पीएम ने कहा, दुनिया में देखिये, जो लोग बहुत सफल हुए हैं, वे भी सामान्य ही हुआ करते थे. इस समय पूरे विश्व में देशों की आर्थिक स्थिति की चर्चा हो रही है. ऐसा नहीं है कि दुनिया में अर्थशास्त्रियों की कमी नहीं है. आज दुनिया आर्थिक मोर्चे पर भारत की तरफ देख रही है. अभी तक ऐसा ही कहा जाता था कि भारत में अर्थशास्त्रियों की कमी है, प्रधानमंत्री को भी कोई ज्ञान नहीं है. मगर अब ये सामान्य ही असामान्य हो गया है.