ब्रसेल्स: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'इंडिया' और 'भारत' से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के नाम से परेशान हैं और इस वजह से वह देश का नाम बदलना चाहते हैं. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह संविधान में उल्लेखित 'इंडिया जो भारत है' से पूरी तरह सहमत हैं, लेकिन 'इंडिया' गठबंधन के नाम के कारण सत्तापक्ष में घबराहट से ध्यान भटकाने के लिए देश के नाम से जुड़ा विवाद खड़ा कर दिया गया.
राहुल गांधी ने जी20 रात्रिभोज में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार देश की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देती. उन्होंने यह दावा भी किया कि भारत में महात्मा गांधी के दृष्टिकोण और नाथूराम गोडसे के दृष्टिकोण के बीच की लड़ाई है तथा विपक्षी दल यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और आजादी पर हमला बंद हो.
राहुल गांधी इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं. जी20 रात्रिभोज के लिए खड़गे को आमंत्रित नहीं किए जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि इसमें विपरीत बात क्या है? उन्होंने (सरकार) विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है. यह आपको कुछ बताता है. यह आपको बताता है कि वे भारत की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता (विपक्ष) को महत्व नहीं देते हैं. यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए. उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है और इसके पीछे किस प्रकार की सोच है.
राहुल गांधी ने 'इंडिया' और 'भारत' से जुड़े विवाद पर कहा कि मैं संविधान में उल्लेखित 'इंडिया, जो भारत है' से पूरी तरह सहमत हूं. मुझे लगता है कि ऐसा (नाम बदलने की बात) घबराहट में किया गया है और ध्यान भटकाने का प्रयास किया गया. हमने अपने गठबंधन को 'इंडिया' नाम दिया है... इससे प्रधानमंत्री परेशान हो गए हैं कि वह देश का नाम बदलना चाहते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि जब हम अडाणी या मित्रवादी पूंजीपतियों का नाम लेते हैं, तो प्रधानमंत्री ध्यान भटकाने की तरकीब लेकर आ जाते हैं. जब मैंने अडाणी मामले पर संवाददाता सम्मेलन किया तो ध्यान भटकाने का पूरा प्रकरण हुआ. यूरोपीय संघ के सांसदों के साथ गुरुवार को हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत और यहां पर जो हो रहा है, उस बारे में विचारों का आदान-प्रदान हुआ है... सांसदों के साथ हमने भारत और यूरोप के संबंधों के बारे में बात की... यह बहुत सार्थक बातचीत थी.
उन्होंने कहा कि भारत के समक्ष खड़ी आर्थिक चुनौतियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले के बारे में भी बात हुई. कांग्रेस नेता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई हमारी जिम्मेदारी है, हम इस जिम्मेदारी को निभाएंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी संस्थाओं, आजादी पर हमला बंद हो.
कश्मीर से संबंधित प्रश्न पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. यहां भारत के अलावा कोई और मतलब नहीं है. हमने कार्य समिति में प्रस्ताव पारित किया है... जब हम लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुरक्षा की बात कर रहे हैं, तो इसमें कश्मीर समेत देश सभी हिस्सों की बात करते हैं. उन्होंने दावा किया कि भाजपा का मानना है कि सत्ता को केंद्रीकृत किया जाना चाहिए, धन को केंद्रित किया जाना चाहिए और भारत के लोगों के बीच बातचीत को दबा दिया जाना चाहिए.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत सरकार के रुख से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि विपक्ष कुल मिलाकर इस संघर्ष (रूस और यूक्रेन के बीच) पर भारत के वर्तमान रुख से सहमत होगा. हमारा रूस के साथ रिश्ता है. मुझे नहीं लगता कि सरकार वर्तमान में जो रुख अपना रही है, उससे विपक्ष का कोई अलग रुख होगा.
भारत में गांधी और गोडसे के दृष्टिकोण के बीच लड़ाई, विपक्ष लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा सुनिश्चित करेगा: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बड़े पैमाने पर हमला किए जाने का शुक्रवार को आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोगों की आजादी पर हमले बंद हों. उन्होंने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमलों के मद्देनजर यूरोपीय संघ (ईयू) से जुड़े लोग इसे लेकर चिंतित हैं. उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि भारत में महात्मा गांधी के दृष्टिकोण और नाथूराम गोडसे के दृष्टिकोण के बीच लड़ाई है.
कांग्रेस नेता ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई हमारी जिम्मेदारी है, हम इस जिम्मेदारी को निभाएंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी संस्थाओं, (लोगों की) आजादी पर हमले बंद हों.