नई दिल्ली: विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में स्पष्ट किया कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति के लिए मज़बूत सम्पर्क एक अहम भुमिका निभाता है, लेकिन इन प्रयासों में सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना भी उतना ही जरूरी है. इसे चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) से जोड़ कर देखा जा रहा है.
भारत की अध्यक्षता में शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्षों की परिषद की डिजिटल माध्यम से आयोजित 23वीं बैठक के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में पिछले छह सालों में भारत के योगदान को रेखांकित किया. साथ ही पीएम मोदी ने इसके दो मूलभूत सिद्धांतों वसुधैव कुटुम्बकम तथा सुरक्षा, अर्थव्यवस्था एवं व्यापार, संपर्क, एकता, संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और पर्यावरण का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद की बुराई को समाप्त करने की जरूरत पर भी जोर दिया जो एससीओ चार्टर में भी है. एक सवाल के जवाब में क्वात्रा ने कहा कि जहां तक सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सवाल है, प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति, आर्थिक विकास के लिए मज़बूत संपर्क का होना बहुत ही जरूरी है, लेकिन इन प्रयासों में, एससीओ चार्टर के मूल सिद्धांतों, विशेष रूप से सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना बहुत ही आवश्यक है.