नई दिल्ली:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार द्वारा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक पेश किए जाने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि यह लैंगिक न्याय के लिए 'हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगा.' मुर्मू यहां विज्ञान भवन में एशिया प्रशांत के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रही थीं. महिला आरक्षण विधेयक नये संसद भवन में मंगलवार को पेश किया गया पहला विधेयक था.
राष्ट्रपति ने कहा, 'हमने स्थानीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया है... एक और सुखद संयोग है कि राज्य विधानसभाओं और देश की संसद में महिलाओं के लिए ऐसा ही आरक्षण देने वाला एक प्रस्ताव अब आगे बढ़ रहा है. यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगा.' राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) 20-21 सितंबर को एशिया पैसिफिक फोरम (एपीएफ) के साथ मिलकर इस सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. इसमें भारत और विदेश के 1,300 से अधिक प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है.