नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने मंगलवार को प्रिंट मीडिया को 'पेड न्यूज' पर पत्रकारिकता के मानकों का अनुपालन करने की सलाह दी. यहां जारी परामर्श में पीसीआई ने कोई भी ऐसी खबर प्रकाशित करने को लेकर आगाह किया है जो कर्नाटक में मतदान से ऐन पहले नतीजों का पूर्वानुमान लगाती हो या संकेत करती हो. पीसीआई ने रेखांकित किया कि कोई भी अखबार किसी नेता के उद्धरण को गलत तरीके से पेश नहीं करे और संपादकीय में उद्धरण उसी तौर पर पेश किया जाए जो उनके द्वारा बताने की कोशिश की जा रही हो.
परिषद ने कहा कि स्तंभ में ऐसे समाचार जो बड़े पैमाने पर जाति के आधार पर मतदाताओं के नाम और एक विशेष राजनीतिक दल के उम्मीदवार के समर्थकों को इंगित करते हैं, वह समाचार प्रस्तुति के आधार पर पेड न्यूज को इंगित करते हैं. पीसीआई ने कहा कि राजनीतिक खबर का समान सामग्री के साथ प्रतिद्वंद्वी अखबार में प्रकाशित होना ऐसी खबर के पेड न्यूज होने का संकेत करता है. परिषद ने प्रिंट मीडिया को कर्नाटक का मतदान संपन्न होने से 48 घंटे पहले नतीजे को इंगित करने वाली खबर प्रकाशित नहीं करने का परामर्श दिया है.
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परिषद ने कहा कि चुनाव में एक उम्मीदवार की सफलता को पेश करना, जिसने अभी तक नामांकन दाखिल नहीं किया है पेड न्यूज का संकेत देता है. जबकि अभियान की बैठकों और फिल्मी सितारों की उपस्थिति के उत्साह पर समाचार रिपोर्टों को पेड न्यूज नहीं माना जायेगा. परिषद ने कहा कि चुनाव पर समाचार कवर करते समय, समाचार पत्रों को सलाह दी जाती है कि वे उम्मीदवारों की रिपोर्ट/साक्षात्कार प्रकाशित करने में संतुलन सुनिश्चित करें.
चुनाव के दौरान, भारत के चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन, समाचार पत्र उम्मीदवारों या पार्टियों की संभावनाओं का ईमानदारी से आकलन करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसका प्रकाशन तब तक पेड न्यूज नहीं होगा जब तक यह साबित नहीं होगा. समाचार पत्रों से यह भी कहा गया है कि वे किसी भी राजनीतिक दल की जीत की भविष्यवाणी करने वाले किसी भी समाचार सर्वेक्षण को बिना सत्यापन के प्रकाशित न करें.
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(पीटीआई-भाषा)