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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 25, 2023, 4:00 PM IST

Updated : Nov 25, 2023, 10:39 PM IST

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उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन: हैदराबाद से मंगाई गई प्लाज्मा कटर मशीन, ड्रिफ्ट मैथर्ड पर भी विचार

CM Dhami PC on Uttarkashi Tunnel उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. सीएम धामी का कहना है कि मशीन काफी करीब पहुंचने के बाद फंस गई है. उम्मीद है कि कल सुबह तक मशीन बाहर आ जाएगी. उसके बाद ऑपरेशन मैनुअल रूप से आगे बढ़ेगा. वहीं रेस्क्यू में अब ड्रिफ्ट विधि के उपयोग पर भी विचार किया जा रहा है.

CM Dhami PC on Uttarkashi Tunnel
सीएम पुष्कर सिंह धामी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सिलक्यारा टनल में 14 दिन से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. केंद्र और राज्य के कई विभाग समेत 6 एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार काम कर रही है. अभी तक करीब 47 मीटर की ड्रिलिंग की जा चुकी है. जबकि 12 मीटर की ड्रिलिंग होनी बाकी है. वहीं अब ऑगर मशीन भी नष्ट हो चुकी है. अब वर्टिकल ड्रिल पर भी जोर दिया जा रहा है. साथ ही मैनुअल ड्रिलिंग भी की जाएगी. सीएम धामी ने आज फिर से टनल का निरीक्षण किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उधर दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य (रिटायर्ड) लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

सैयद अता हसनैन कहा, 'अच्छी खबर ये है कि अंदर फंसे 41 मजदूर स्थिर हैं. सभी बुनियादी चीजें भेजी जा रही हैं. हालांकि, बचाव अभियान में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऑपरेशन के दौरान बरमा मशीन क्षति हुई है और इसका कुछ हिस्सा बाहर नहीं आया है. अब बरमा मशीन के उस हिस्से को बाहर लाने के लिए भारतीय वायु सेना द्वारा हवाई मार्ग से एक अन्य मशीन जल्द ही सुरंग स्थल पर पहुंचाई जाएगी'.

ड्रिफ्ट मैथर्ड पर भी विचार: उन्होंने कहा, ये बहुत कठिन ऑपरेशन है. ऑपरेशन में दो तरीके अपनाए जा रहे हैं. जल्द ही तीसरा तरीका ड्रिफ्ट विधि (ड्रिफ्ट मैथर्ड) का भी उपयोग किया जा सकता है. वर्तमान में स्थिति ये है कि 47 मीटर की खुदाई हो चुकी है. हमें इसे स्थिर रखना होगा और ऑगर मशीन के टूटे हुए हिस्से को हटाना होगा. मुझे लगता है कि अगले 1-2 दिनों में ड्रिलिंग फिर से शुरू हो जाएगी. यह ऑपरेशन लंबा चल सकता है और हमें मजदूरों और परिवार के सदस्यों का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है.

क्या है ड्रिफ्ट मैथर्ड:सुरंग के दाएं साइड से ही 60 मीटर की ड्रिफ्ट टनल बनाई जाएगी. इस टनल का काम भारतीय सेना की इंजीनियरिंग रेजीमेंट की टीम को दिया जा सकता है. ड्रिफ्ट मैथर्ड के तहत टनल के साइड ड्रिफ्ट तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बड़े स्टील के बॉक्स एक के बाद एक लगाते हुए 60 मीटर की दूरी तय की जाएगी.

हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन मंगवाई: उधर सीएम धामी ने उत्तरकाशी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि यह बचाव अभियान कठिन और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया जा रहा है. मशीन इतने करीब पहुंचने के बाद फंस गई. हम उम्मीद कर रहे हैं कि कल सुबह तक यह मशीन बाहर आ जाएगी और उसके बाद, ऑपरेशन मैनुअल रूप से आगे बढ़ेगा. हम सभी विकल्पों पर काम कर रहे हैं. बरमा मशीन को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मशीन मंगवाई गई है.
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सभी संभावित विकल्पों पर काम: सीएम धामी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में हर कोई काम कर रहा है. केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार और सभी एजेंसियां, हर कोई अपना पूरा प्रयास कर रहा है. पीएम मोदी स्थिति और श्रमिकों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं और उम्मीद है कि ऑपरेशन जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि हम श्रमिकों तक पहुंचने और उन्हें बाहर निकालने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर काम कर रहे हैं.

विश्वास है क्रिसमतक तक घर आ रहे सभी: उधर सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अंतरराष्ट्यी टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स का कहना है कि हम कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. लेकिन प्रत्येक विकल्प के साथ, हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि हम यह कैसे सुनिश्चित करें कि 41 आदमी सुरक्षित घर आ जाएं और हमें कोई नुकसान न हो. मुझे विश्वास है कि 41 लोग क्रिसमस तक घर आ रहे हैं.
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Last Updated : Nov 25, 2023, 10:39 PM IST

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