नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने आज नामांकन दाखिल कर दिया. यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) के नामांकन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी शरद पवार समेत 17 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए. सिन्हा के नामांकन में राहुल गांधी, शरद पवार, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सीताराम येचुरी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के कार्यकारी अध्यक्ष और तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव, सांसद नामा नागेश्वर राव, रंजीत रेड्डी, सुरेश रेड्डी, बीबी पाटिल, वेंकटेश नेता और प्रभाकर रेड्डी भी मौजूद रहे.
नामांकन के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा कि 'मैं उन सभी विपक्षी दलों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने एक साथ आकर मुझे अपना उम्मीदवार चुना. कहा जा रहा है कि मैं चौथी पसंद हूं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि अगर मैं 10वें नंबर पर था तो भी मैं इसे स्वीकार करता क्योंकि यह एक बड़ी लड़ाई है.'
सिन्हा ने कहा कि वह समर्थन के लिए भाजपा में अपने पुराने सहयोगियों से संपर्क करेंगे. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 'प्रतीकात्मक राजनीति' का हिस्सा करार दिया और कहा कि वह पिछड़े समुदायों के कल्याण के संदर्भ में मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड पर चुनाव लड़ेंगे. सिन्हा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंतर्गत भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है.
उन्होंने कहा, 'मैं जिस भाजपा का हिस्सा था उसमें आंतरिक लोकतंत्र था, मौजूदा भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है.' अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश और वित्त मंत्री रहे सिन्हा ने कहा कि उन्होंने समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री से संपर्क किया था. उन्होंने अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण के संदर्भ में मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर सवाल किया. सिन्हा ने कहा, 'मौजूदा राष्ट्रपति एक विशेष समुदाय से आते हैं. क्या इसका मतलब यह है कि उस समुदाय को इसका फायदा हुआ है?' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव दो विचारधाराओं के बीच चुनाव है.