नई दिल्ली : जस्टिस बीवी नागरत्ना समेत नौ लोगों को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश गत 18 अगस्त को की गई थी. आज केंद्र सरकार ने तीन जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति सचिवालय से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. रामनाथ कोविंद ने जजों की नियुक्ति वारंट पर साइन (President signed warrants of appointment) कर दिए हैं.
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice of India N V Ramana)नवनियुक्त नौ जजों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. सूत्रों ने कहा है कि 31 अगस्त को शपथ ग्रहण (swearing-in on August 31)समारोह का आयोजन किया जाएगा.
सूत्रों ने कहा कि शीर्ष अदालत के नौ नए न्यायाधीशों में से चार देश के चार उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश हैं. सूत्रों के मुताबिक इन चार न्यायाधीशों को वर्तमान कार्यालय में अपना प्रशासनिक और न्यायिक कार्य समाप्त करने के लिए कुछ समय चाहिए.
31 अगस्त को शपथ ग्रहण (swearing-in on August 31)
सुप्रीम कोर्ट से जुड़े सुत्रों ने कहा कि सभी उच्च न्यायालयों में शुक्रवार को सप्ताह का अंतिम कार्य दिवस होता है और न्यायाधीशों को वहां अपना काम समाप्त करने के लिए कम से कम एक कार्य दिवस की आवश्यकता होती है. ऐसे में शपथ ग्रहण 31 अगस्त को संभावित है.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में तीन महिलाओं समेत नौ नए न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया. इसी के साथ न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना (Justice B V Nagarathna) के सितंबर, 2027 में पहली महिला प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुईं जस्टिस बीवी नागरत्ना, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नियुक्ति पत्रों पर हस्ताक्षर किए. आगामी दिनों में नए न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण करने के बाद शीर्ष अदालत में केवल एक रिक्त पद रह जाएगा.
न्यायालय के कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व निर्णय के तहत तीन महिला न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की पिछले सप्ताह सिफारिश की थी. कर्नाटक उच्च न्यायालय की तीसरी सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश नागरत्ना के अलावा गुजरात उच्च न्यायालय की पांचवीं सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) और तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) को भी उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुईं जस्टिस हिमा कोहली, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी न्यायमूर्ति कोहली 62 वर्ष की आयु होने पर एक सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाली थीं क्योंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के लिए आयु 65 वर्ष है.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुईं जस्टिस बीएम त्रिवेदी राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी तीन महिला न्यायाधीशों के अलावा केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी टी रवि कुमार (Justice C T Ravikumar) और मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एम एम सुंदरेश (Justice M M Sundresh) को भी शीर्ष अदालत में नियुक्त किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस सीटी रवि कुमार, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा ऐसे छठे वकील हैं, जिन्हें बार से सीधे न्यायालय में नियुक्ति मिली है. न्यायमूर्ति कोहली के अलावा विभिन्न उच्च न्यायालयों के जिन मुख्य न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया है, उनमें न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (Justice Abhay Shreeniwas Oka) (कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) (गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (Justice Jitendra Kumar Maheshwari)(सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस पीएस नरसिम्हा, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी न्यायमूर्ति नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 को हुआ था और वह पूर्व प्रधान न्यायाधीश ई एस वेंकटरमैया की बेटी हैं. उन्होंने 28 अक्टूबर, 1987 को बेंगलुरु में वकील के रूप में पंजीकरण कराया था और संविधान, वाणिज्य, बीमार एवं सेवा के क्षेत्रों में वकालत की. उन्हें 18 फरवरी, 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 17 फरवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस जेके माहेश्वरी, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 29 अक्टूबर, 2027 तक होगा और 23 सितंबर, 2027 के बाद पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने के बाद वह सीजेआई के रूप में संभवत: एक महीने से अधिक समय तक कार्यभार संभालेंगी.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस एमएम सुंदरेश राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी न्यायमूर्ति कोहली का जन्म दो सितंबर, 1959 को दिल्ली में हुआ. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री ली और वह 1999-2004 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में नयी दिल्ली नगर परिषद की स्थायी वकील और कानूनी सलाहकार थीं. उन्हें 29 मई, 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और उन्होंने 29 अगस्त, 2007 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और वह बाद में सात जनवरी, 2021 को तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनीं.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी न्यायमूर्ति त्रिवेदी का जन्म 10 जून 1960 को हुआ. वह नौ फरवरी, 2016 से गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हैं और न्यायिक सेवा श्रेणी से संबंधित हैं.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए जस्टिस विक्रम नाथ, राष्ट्रपति कोविंद ने दी मंजूरी छह अक्टूबर 1989 को उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनीं फातिमा बीवी के अलावा अब तक शीर्ष अदालत में सात और महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की जा चुकी है. इन महिला न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति सुजाता वसंत मनोहर, न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजना देसाई, न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी शामिल हैं.
इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से जारी सूचना के मुताबिक राष्ट्रपति ने रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति और नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के नामों की सिफारिशों को अधिसूचित कर दिया है. इन जजों के नाम में जस्टिस अभय ओका, विक्रम नाथ, जितेंद्र माहेश्वरी के नाम शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की नियुक्ति, राष्ट्रपति ने साइन किए तीन वारंट यह भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 3 महिला जजों समेत 9 नामों की सिफारिश की
बता दें कि गत 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत के नए न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा (Additional Solicitor General P S Narasimha)शामिल हैं. न्यायमूर्ति नागरत्ना को सितंबर 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) नियुक्त किए जाने की संभावना है.
(एजेंसी)