अयोध्या : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी सविता कोविंद के साथ रविवार को रामनगरी अयोध्या पहुंचे. रेलवे स्टेशन पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. अयोध्या पहुंचने पर सीएम योगी ने अंग वस्त्र भेंट कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राम नगरी में भव्य स्वागत किया. जिसके बाद राष्ट्रपति ने स्वागत कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी गणमान्य लोगों से मुलाकात की.
राष्ट्रपति ने रामायण कॉन्क्लेव का किया शुभारंभ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अयोध्या के राम कथा पार्क में 65 दिनों तक चलने वाले रामायण कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया. यह कार्यक्रम 29 अगस्त से शुरू होकर 1 नवंबर तक चलेगा. अयोध्या के राम कथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उनकी पत्नी सविता कोविंद, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, रेल राज्य मंत्री दर्शना विक्रम, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी मौजूद रहे.
मंच से कई परियोजनाओं का राष्ट्रपति ने किया शुभारंभ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अयोध्या के विकास से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया. इस मौके पर अयोध्या पर आधारित पोस्टल का शुभारंभ भी राष्ट्रपति ने किया. मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी धर्मपत्नी सविता कोविंद का प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों ने परंपरागत रूप से स्वागत किया. इस मौके पर प्रख्यात लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने सबरी गीत भी प्रस्तुत किया. कार्यक्रमों की कड़ी में रामायण कॉन्क्लेव के थीम सॉन्ग को भी प्रस्तुत किया गया.
'बिना राम के अयोध्या का अस्तित्व नहीं'
रामायण कॉन्क्लेव के शुभारंभ के मौके पर सभी गणमान्य व्यक्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए. इसी कड़ी में अध्यक्षीय संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रामायण कॉन्क्लेव योजना के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इस योजना में शामिल सभी सदस्यों का धन्यवाद देते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रामायण की चौपाइयां पढ़ते हुए अयोध्या के महत्व को बताया. उन्होंने कहा कि बिना राम के अयोध्या की परिकल्पना नहीं की जा सकती. अयोध्या के कण-कण में राम बसते हैं. श्रीरामचरितमानस हमारे जीवन का आधार है. रामायण में लिखी 11 पंक्तियां व्यक्ति के जीवन को सन्मार्ग की ओर ले जाती हैं जिस प्रकार से रामायण कॉन्क्लेव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है निश्चित रूप से आम जनमानस के बीच रामायण को बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया जा सकेगा. मैं इस आयोजन के लिए प्रदेश सरकार को बधाई देता हूं
उन्हाेंने कहा कि इस रामायण कॉन्क्लेव की सार्थकता सिद्ध करने हेतु यह आवश्यक है कि राम-कथा के मूल आदर्शों का सर्वत्र प्रचार-प्रसार हो और सभी लोग उन आदर्शों को अपने आचरण में ढालें. समस्त मानवता एक ही ईश्वर की संतान है. यह भावना जन-जन में व्याप्त हो. यही इस आयोजन की सफलता की कसौटी है. इस संदर्भ में रामचरित मानस की एक अत्यंत लोकप्रिय चौपाई का, मैं उल्लेख करना चाहूंगा.