धर्मशाला: देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हिमाचल के 2 दिवसीय दौरे पर हैं. दौरे के पहले दिन शुक्रवार को वह धर्मशाला पहुंचे. यहां पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने 19 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए. उनके साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर उपस्थित रहे.
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा किसी भी देश के निर्माण की आधारशिला होती है. उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो न केवल विद्यार्थियों में बौद्धिक क्षमता और कौशल का विकास करे बल्कि उनके नैतिक मूल्यों और चरित्र को भी मजबूत करे. उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी अग्रणी देशों की प्रगति में युवाओं की अहम भूमिका रही है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी किसी भी समाज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड है.
छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनके (President Ram Nath Kovind in Dharamsala) जैसे युवाओं के सामने कई क्षेत्रों में अवसर उपलब्ध हैं और भारत के युवाओं में इन अवसरों का उपयोग करने की क्षमता है. जरूरत इस बात की है कि वे अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते रहें. उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह उनकी औपचारिक शिक्षा पूरी करने का एक अवसर है, लेकिन सीखना जीवन भर जारी रहेगा उन्हें हर कदम पर, हर किसी से सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए.
राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को हमेशा यह याद रखना चाहिए (President Himachal Visit) कि उन्होंने अब तक जो हासिल किया है. उसमें समाज ने किसी न किसी रूप में योगदान दिया है यह उन पर समाज का कर्ज है. उन्हें इसके लिए भुगतान करने के लिए तैयार रहना चाहिए वे इसका भुगतान कैसे करेंगे, वे इसे कब देंगे, यह उन पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की शिक्षित, अनुशासित और दृढ़निश्चयी युवा शक्ति की बुद्धि पर पूरा भरोसा है.