नई दिल्ली :राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) को संसद की ओर से विदाई दी जा रही है. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित समारोह में राज्यसभा और लोकसभा दोनों सांसदों संयुक्त रूप से उनको विदाई दे रहे हैं. कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत सभी वरिष्ठ मंत्री और सांसद मौजूद हैं. कार्यक्रम की शुरूआत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संबोधन हुआ और फिर उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को स्मृति चिन्ह भेंट किए.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का विदाई समारोह इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति बनाने जाने के लिए मैं देशवासियों का सदैव आभारी रहूंगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पांच साल पहले, मैंने यहां सेंट्रल हॉल में भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. मेरे दिल में सभी सांसदों के लिए खास जगह है. उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव, कोविड-19 के खिलाफ रिकॉर्ड टीकाकरण के लिए सरकार की सराहना भी की.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन उन्होंने कहा कि मैंने पूरी क्षमता से अपने कर्तव्यों का पूरा करने का प्रयास किया है. कोविंद ने कहा कि आज मैं विदा ले रहा हूं, स्मृतियां उमड़ रही हैं. कोविंद ने कहा कि राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय हित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह तय करने को कहा कि लोगों के कल्याण के लिए क्या जरूरी है. उन्होंने शांति और सद्भाव के मूल्य पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को अपने लक्ष्यों को पाने की कोशिश करने के लिए विरोध करने और दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन उनके तरीके गांधीवादी होने चाहिए. उनकी टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाती है, जब कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण संसद की कार्यवाही अक्सर बाधित हो रही है.
कोविंद ने कहा कि वह हमेशा खुद को बड़े परिवार का हिस्सा मानते हैं, जिसमें सांसद भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार की तरह कई बार उनके बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें देश के व्यापक हितों के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
अपने विदाई भाषण में, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी और उन्हें 'प्रेरणादायक' कहा. उन्होंने कहा कि उनकी जीत न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है बल्कि समाज में दलितों के लिए एक प्रेरणा भी है. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें यकीन है कि वह देश को आगे ले जाने के लिए अपने विशिष्ट मूल्यों, अनुभव और विवेक का उपयोग करेंगी.