भुवनेश्वर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) शुक्रवार को यहां यूनिट-2 गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल (Unit-2 Capital Girls High School) में जब अपनी चारपाई पर बैठीं तो भावुक हो गईं. वह स्कूल में अपने छात्र जीवन के दौरान इसी चारपाई पर सोया करती थीं.
ओडिशा दौरे के दूसरे दिन मुर्मू अपने स्कूल तथा कुंतला कुमारी साबत आदिवासी हॉस्टल (Kuntalakumari Sabat Adivasi Girls Hostel) गईं, जहां अपने स्कूली दिनों के दौरान वह रहती थीं. उन्होंने 13 सहपाठियों से भी मुलाकात की और उनके, अपने स्कूल के छात्रों तथा शिक्षकों के बीच होने को लेकर खुशी जताई. राष्ट्रपति ने शहर में खांडगिरी में तपबन हाई स्कूल का दौरा कर दिन की शुरुआत की. अपने स्कूली दिनों को याद करते हुए मुर्मू ने कहा, 'मैंने अपने उपरबेड़ा गांव से पढ़ाई शुरू की थी. गांव में कोई स्कूली इमारत नहीं थी बल्कि फूस की एक झोंपड़ी थी जहां हम पढ़ाई करते थे.'
मौजूदा दौर के बच्चों को 'खुशनसीब' बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा, 'हम कक्षाओं में झाडू लगाते थे, स्कूल परिसर को गाय के गोबर से लीपते थे. हमारे वक्त में छात्र खुले दिमाग से पढ़ते थे. मैं आपसे कड़ी मेहनत करने तथा अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाने की अपील करती हूं.'
छात्राओं से बातचीत के दौरान मुर्मू ने कहा, 'हमारे वक्त में इंटरनेट, टेलीविजन जैसी सुविधाएं और बाहरी दुनिया के बारे में जानने का कोई अन्य साधन नहीं था. चूंकि बाहरी दुनिया से कोई मेरा आदर्श नहीं था तो मेरी दादी/नानी मेरी आदर्श थीं. मैंने देखा कि वह कैसे लोगों, खासतौर से हमारे इलाकों की महिलाओं की मदद करती थीं. मेरी दादी/नानी मानसिक रूप से बहुत मजबूत थीं और मैंने उनके जीवन से काफी कुछ सीखा.'
मुर्मू जैसे ही अपने स्कूल पहुंचीं तो बच्चों ने उनका स्वागत किया. वह आठवीं से 11वीं तक इस स्कूल में पढ़ी थीं. उन्होंने परिसर के बाहर उनकी झलक पाने के लिए सुबह से खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए अपने स्कूल में प्रवेश किया. वह कुंतला कुमारी साबत हॉस्टल भी गईं जहां सरकारी स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह रहती थीं.
एक शिक्षिका ने कहा, 'जब हमने राष्ट्रपति को उनका कमरा तथा वह चारपाई दिखाई जिस पर वह अपने छात्र दिनों के दौरान सोया करती थीं तो वह भावुक हो गईं तथा कुछ वक्त के लिए उसी बिस्तर पर बैठ गईं.'