कोलकाता :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक युद्धपोत विंध्यगिरि का जलावतरण किया. राष्ट्रपति आज सुबह कोलकाता पहुंची थीं. प.बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति का स्वागत किया. एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि मुर्मू हुगली नदी के तट पर 'गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड' (जीआरएसई) केंद्र में भारतीय नौसेना के 'प्रोजेक्ट 17 अल्फा' के तहत निर्मित छठे नौसैन्य युद्धपोत 'विंध्यगिरि' का जलावतरण किया, जिससे भारत की समुद्री ताकत में और इजाफा होगा.
परियोजना के तहत कुल सात युद्धपोत का निर्माण होना था, जिसमें 'विंध्यगिरि' छठा युद्धपोत है. पहले पांच युद्धपोत का जलावतरण 2019 और 2022 के बीच हुआ था. यह तीसरा और आखिरी युद्धपोत है जिसका कोलकाता स्थित युद्धपोत निर्माता ने परियोजना के तहत नौसेना के लिए निर्माण किया है. अधिकारी ने कहा कि उपकरण और पी17ए जहाजों की प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों से है जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम (एमएसएमई) भी शामिल हैं.
यह अत्याधुनिक युद्धपोत आधुनिक उपकरणों से लैस होगा और सेवा के लिए भारतीय नौसेना को सौंपे जाने से पहले इसका व्यापक परीक्षण किया जाएगा. जीआरएसई के एक अधिकारी ने कहा कि पी17ए निर्देशित मिसाइल युद्धपोत हैं. प्रत्येक युद्धपोत की लंबाई 149 मीटर है. इसका वजन लगभग 6,670 टन और गति 28 समुद्री मील है. ये वायु, सतह और सतह से नीचे तीनों आयामों में खतरों को बेअसर करने में सक्षम है.