हैदराबाद :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार सुबह हैदराबाद के पास डुंडीगल में वायु सेना अकादमी (एएफए) में 211वें पाठ्यक्रम की संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) की समीक्षा की. एएफए के अधिकारियों के अनुसार, एएफए के इतिहास में यह पहला अवसर है जब राष्ट्रपति समीक्षा अधिकारी थीं. सीजीपी का आयोजन भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाओं के फ्लाइट कैडेटों के प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण के सफल समापन के उपलक्ष्य में किया जाता है.
इस मौके पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि सशस्त्र बलों को रक्षा तैयारियों के एकीकृत परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि हमारी वायु सेना एक उच्च-प्रौद्योगिकी युद्ध से लड़ने की चुनौतियों सहित समग्र सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से भविष्य के लिए तैयार होने के लिए कदम उठा रही है. मैं 'आत्मनिर्भर भारत' के राष्ट्रीय एजेंडे को साकार करने के लिए रक्षा मंत्रालय के स्वदेशीकरण के प्रयासों के बारे में जानकर भी खुश हूं.
तेलंगाना के डुंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारतीय वायु सेना अब सभी भूमिकाओं और शाखाओं में महिला अधिकारियों को शामिल कर रही है. महिला लड़ाकू पायलटों की पर्याप्त संख्या है जो बढ़नी तय है. अप्रैल 2023 में, मैंने असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन में सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी. वायु सेना स्टेशन पर लौटने से पहले मैंने हिमालय के शानदार दृश्य के साथ ब्रह्मपुत्र और तेजपुर घाटियों को देखा. वह उड़ान लगभग 30 मिनट की थी. समुद्र तल से लगभग 2 किमी की ऊंचाई पर लगभग 800 किमी/घंटा की गति से उड़ान भरना वास्तव में एक शानदार अनुभव था.