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राष्ट्रपति कोविंद ने भारतीय नौसेना के फ्लीट की समीक्षा की

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Published : Feb 21, 2022, 8:45 AM IST

Updated : Feb 21, 2022, 2:22 PM IST

आंध्रप्रदेश के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान का दौरा किया. 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू (Presidents Fleet Review) के दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई. कोविंद ने परेड का निरीक्षण भी किया.

President's Naval Fleet Review
नौसैनिक बेड़े की समीक्षा के लिए विशाखापत्तनम पहुंचे राष्ट्रपति

विशाखापत्तनम: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में नौसैनिक बेड़े की समीक्षा की. राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया. यह बारहवीं फ्लीट रिव्यू है . इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना के राष्ट्रपति के बेड़े का निरीक्षण किया। इस बेड़े में 60 पोत, पनडुब्बियां व 55 विमान शामिल हैं. कोविंद नौसेना के गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए. इसके बाद पूर्वी नौसेना कमान ने राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू के 12वें संस्करण के दौरान 21 तोपों की सलामी दी. आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर विशाखापत्तनम में राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा का 12वां संस्करण आयोजित किया गया है.

बता दें कि, प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू का विशेष महत्व है. भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है. आईएनएस सुमित्रा को खासतौर पर 'राष्ट्रपति की याट' के रूप में नामित किया गया है.

राष्ट्रपति कोविंद ने भारतीय नौसेना के फ्लीट की समीक्षा की
इससे पहले राष्ट्रपति के विशाखापत्तनम पहुंचे पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, ईएनसी के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता और अन्य अधिकारियों ने यहां स्थित नौसैनिक एयरबेस आईएनएस डेगा पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में इस बार ‘प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू-2022 (पीएफआर-22)’ की थीम ‘भारतीय नौसेना-राष्ट्र की सेवा में 75 साल’ रखी गई है.

सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में भारत का हर राष्ट्रपति अपने पांच साल के कार्यकाल में एक बार भारतीय नौसैनिक बेड़े की समीक्षा करता है और पीएफआर-22 इस तरह की 12वीं समीक्षा है. पीएफआर का मकसद देश को भारतीय नौसेना की तैयारियों, उच्च मनोबल और अनुशासन के प्रति आश्वस्त करना है.

यह तीसरी बार है, जब विशाखापत्तनम पीएफआर की मेजबानी कर रहा है. पहली बार, 2006 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने यहां नौसैनिक बेड़े की समीक्षा की थी. 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मखर्जी ने विशाखापत्तनम में अंतरराष्ट्रीय बेड़े की समीक्षा की थी. अधिकारियों ने बताया कि पीएफआर-22 के तहत कोविंद युद्धपोतों सहित नौसेना के दो बेड़ों और तटरक्षक बल, भारतीय नौवहन निगम तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बेड़ों की समीक्षा करेंगे, जिसमें 10,000 से अधिक कर्मियों द्वारा संचालित 60 जहाज और पनडुब्बियां शामिल होंगी.

अधिकारियों के मुताबिक, कार्यक्रम में 50 विमान भी शिरकत करेंगे और वे एक फ्लाई-पास्ट का प्रदर्शन करेंगे. नौसेना की एक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति नौसेना के स्वदेश निर्मित अपतटीय गश्ती पोत आईएनएस सुमित्रा की सवारी करेंगे, जिसे खासतौर पर ‘राष्ट्रपति यॉट’ के रूप में नामित किया गया है और वह ‘स्टीमिंग पास्ट’ के जरिये कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी जहाजों की समीक्षा करेंगे, जो चार कतारों में विशाखापत्तनम तट पर खड़े हैं.

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विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नौसेना की विमानन शाखा के तहत संचालित सभी विमान फ्लाई-पास्ट में हिस्सा लेंगे, जिसमें मिकोयान मिग-29के, बोइंग पी-8आई नेप्च्यून और एचएएल ध्रुव एमके3 जैसे हालिया अधिग्रहित विमान भी शामिल हैं. नौसेना के अनुसार, फ्लाईपास्ट के बाद मरीन कमांडो (मार्कोस) आतंकवाद निरोधी अभियान और खोजी एवं बचाव अभ्यास के अलावा कुछ पनडुब्बियों के जरिये ‘स्टीम पास्ट’ का प्रदर्शन करेंगे. नौसेना ने बताया कि राष्ट्रपति इस मौके पर विशेष रूप से तैयार फर्स्ट डे कवर और स्मारक टिकट भी जारी करेंगे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 21, 2022, 2:22 PM IST

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