नई दिल्ली: वैसे तो बजट पहले राष्ट्रपति का अभिभाषण संसदीय गरिमा का हिस्सा रहा है और हमेशा से इसमें भाग लेकर विपक्षी पार्टियों ने भी इस गरिमा को निभाया है. लेकिन 10वीं बार बजट पेश करने जा रही मोदी सरकार के बजट से पहले हुए राष्ट्रपति अभिभाषण का भी दो विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार कर दिया. इस पर भाजपा ने सख्त आपत्ति जताते हुए इसे राष्ट्रपति की अवमानना बताया है.
ईटीवी भारत से इस मुद्दे पर बीजेपी सांसद और वित्तीय मामलों के जानकार जफर इस्लाम ने बात की. जफर इस्लाम ने कहा कि 'जितने भी रिफॉर्म्स सरकार ने किए हैं, चाहे वो स्ट्रक्चरल या इंडस्ट्रियल रिफॉर्म्स हो, सरकार ने तेजी से आगे बढ़ाए हैं, जबकि हमें विरासत में टूटी फूटी अर्थव्यवस्था मिली थी.' उन्होंने कहा कि 'कोरोना के समय विश्व में इकोनॉमी को धक्का लगा था. मगर सरकार ने उसे पटरी पर लेकर आई.'
उन्होंने आगे कहा, 'ग्लोबल कंजप्मशन पर जब असर पड़ता है, तो हमारे ग्रोथ पर पढ़ता है और वो ग्रोथ पर थोड़ा असर डालता है. इसके अलावा रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से भी इकोनॉमी पर असर पड़ा है. लेकिन हमारी सरकार ने बहुत संभाला है. यूके की या दूसरे देशों की इकोनॉमी जहां में जहां कॉन्ट्रैक्शन हुआ है, वहीं भारत की इकोनॉमी में सुधार हुआ है. हमारी सरकार ने इसे संभाला है.'
जफर इस्लाम ने कहा कि 'राष्ट्रपति का अभिभाषण किसी पार्टी का या सरकार का भाषण नहीं होता, बल्कि राष्ट्रपति संसदीय गरिमा में सर्वोपरि हैं और सभी पार्टियां उनके अभिभाषण में आती हैं. मगर ये बहुत दुर्भाग्य की बात है कि बीआरएस और आम आदमी पार्टी ने संसदीय गरिमा के स्तर को ही गिरा दिया और उनकी अवमानना की.' बीजेपी सांसद जफर इस्लाम ने कहा कि संसद में बुधवार को बजट पेश होना है और जिन पार्टियों को भी सवाल उठना था, वहां उठा सकती थीं. मगर राष्ट्रपति की अवमानना क्यों?'