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Published : Aug 17, 2023, 7:24 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 11:00 PM IST

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President Launches INS Vindhyagiri : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईएनएस विंध्यगिरि का किया जलावतरण, कहा- यह आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है

President Droupadi Murmu in Kolkata at GRSI Centre - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में जीआरएसई केंद्र में भारत के नवीनतम युद्धपोत आईएनएस विंध्यगिरि का जलावतरण किया. भारतीय नौसेना का यह 'प्रोजेक्ट 17 अल्फा' के तहत निर्मित छठा युद्धपोत है, जो कि नवीनतम तकनीक से लैस है.

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कोलकाता : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को यहां हुगली नदी के तट पर 'गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड' (जीआरएसई) केंद्र में भारतीय नौसेना के 'प्रोजेक्ट 17 अल्फा' के तहत निर्मित छठे नौसैन्य युद्धपोत 'विंध्यगिरि' का जलावतरण किया. उन्होंने इस युद्धपोत के जलावतरण को 'आत्मनिर्भर भारत' का एक प्रतीक बताया. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्नत युद्धपोत का उत्पादन 'आत्मनिर्भर भारत' और देश की तकनीकी प्रगति का नमूना है.

राष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम में कहा, 'मैं विंध्यगिरि के जलावतरण के मौके पर यहां आकर बहुत खुश हूं. यह आयोजन भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का भी प्रतीक है.' उन्होंने भारतीय नौसेना और इस पोत के निर्माण में शामिल सभी लोगों को बधाई दी. मुर्मू ने कहा, 'मुझे बताया गया है कि ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स’ ने विंध्यगिरि जैसे युद्धपोत सहित सौ से अधिक युद्धपोतों का निर्माण किया है और आपूर्ति की है. आपके कौशल और अथक प्रयासों ने हमें इस मुकाम तक पहुंचाया है, जिसके लिए मैं जीआरएसई की पूरी टीम की सराहना करती हूं.'

उन्होंने कहा, 'प्रोजेक्ट 17 के तहत निर्मित विंध्यगिरि आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह परियोजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए स्वदेशी नवाचार को प्रदर्शित करती है. मुझे बताया गया है कि इस श्रृंखला के पोत हमारे समुद्री हितों के लिए सभी प्रकार के खतरों से निपटने में सक्षम होंगे.' पिछले साल राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मुर्मू का पश्चिम बंगाल का यह दूसरा दौरा है. इससे पहले उन्होंने मार्च में राज्य का दौरा किया था.

मुर्मू ने कहा, 'कोलकाता का उसके समृद्ध इतिहास और संस्कृति के कारण हमारे देश के दिल में एक विशेष स्थान है. कोलकाता की रणनीतिक स्थिति इसे हमारी नौसैनिक तैयारियों, हमारे समुद्री हितों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बनाती है.' राष्ट्रपति ने कहा कि पोत का नाम 'विंध्य' पर्वतमाला के नाम पर रखा गया है, जो दृढ़ता का प्रतीक है. उन्होंने कहा, 'हम अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हम भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास कर रहे हैं...हमारी व्यापारिक वस्तुओं के एक बड़े हिस्से का समुद्री मार्ग से परिवहन होता है.'

उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के कई पहलू हैं. उन्होंने भारत के समुद्री हितों की रक्षा में भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. मुर्मू ने कहा, 'इसमें समुद्री डकैती, सशस्त्र डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी और प्राकृतिक आपदाएं जैसे कई मुद्दे शामिल हैं. इस पृष्ठभूमि में, भारतीय नौसेना को भारत के समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने का अधिकार है.'

इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित रहीं. परियोजना के तहत कुल सात युद्धपोत का निर्माण होना था जिसमें 'विंध्यगिरि' छठा युद्धपोत है. पहले पांच युद्धपोत का जलावतरण 2019 और 2022 के बीच हुआ था. यह तीसरा और आखिरी युद्धपोत है जिसे कोलकाता स्थित युद्धपोत निर्माता ने परियोजना के तहत नौसेना के लिए बनाया है. एक अधिकारी ने कहा कि उपकरण और पी17ए जहाजों की प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों से है जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम (एमएसएमई) भी शामिल हैं. यह अत्याधुनिक युद्धपोत आधुनिक उपकरणों से लैस है.

जीआरएसई के अधिकारियों के मुताबिक, पी17ए निर्देशित मिसाइल युद्धपोत हैं. प्रत्येक युद्धपोत की लंबाई 149 मीटर है। इसका वजन लगभग 6,670 टन और गति 28 समुद्री मील है. इससे पहले राष्ट्रपति ने यहां राजभवन में ब्रह्म कुमारी द्वारा आयोजित 'नशा मुक्त भारत अभियान' के तहत 'मेरा बंगाल, व्यसन मुक्त बंगाल' अभियान की शुरुआत की.

पढ़ें :राष्ट्रपति मुर्मू कोलकाता पहुंचीं, अत्याधुनिक युद्धपोत का जलावतरण करेंगी

(इनपुट- पीटीआई)

Last Updated : Aug 17, 2023, 11:00 PM IST

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