पटनाःबिहार के पटना में कृषि रोड मैप की शुरुआत करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचीं. गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बाद राष्ट्रपति ने गुरु महाराज से जुड़े अस्त्र-शस्त्र का दर्शन की. पटना साहिब तख्त श्री हरमंदिर परिसर में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही.
President Bihar Visit: 'मेरा जीवन धन्य हो गया..', पटना साहिब गुरुद्वारा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मत्था टेका
बिहार में कृषि रोड मैप की शुरुआत करने के लिए पटना पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu In Patna) ने पटना साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेका. इस दौरान प्रबंधन कमेटी की ओर से राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया. पढ़ें पूरी खबर...
Published : Oct 18, 2023, 7:21 PM IST
|Updated : Oct 18, 2023, 7:58 PM IST
'मेरा जीवन धन्य हो गया':गुरुद्वारा पहुंची राष्ट्रपति का प्रबंधन कमेटी की ओर से स्वागत किया गया. इस दौरान उन्हें सिरोपा भेंट की गई. गुरुद्वारा पहुंची राष्ट्रपति ने कहा कि 'यहां पहुंचकर मेरा जीवन धन्य हो गया. मुझे हार्दिक इच्छा थी कि गुरु महाराज के जन्मस्थली पटना साहिब जाऊ, गुरु महाराज ने यह इच्छा भी पूरी की. वास्तविक में गुरु महाराज के द्वारा दी कल्याणकारी संदेश देश तथा समाज को जोड़ने तथा कुछ करने का संदेश है.'
चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआतःराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को बिहार के चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत करने के लिए पटना पहुचीं. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार सहित कई मंत्रियों के साथ कृषि रोड मैप की शुरुआत की. बता दें कि बिहार में इससे पहले तीन कृषि रोड मैप जारी हो चुका है, जिससे किसानों को काफी लाभ पहुंचा है. चौथा कृषि रोड मैप की शुरुआत करने पहुंची राष्ट्रपति ने कहा कि वे भी रियारमेंट के बाद खेती करेंगी. इस दौरान उन्होंने बिहार में शुरू होने वाली कृषि रोड मैप की सराहना की.
रियारमेंट के बाद करेंगे खेतीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मूल रूप से ओड़िशा की रहने वाली हैं. झारखंड में 6 साल तक राज्यपाल रह चुकी हैं. साल 2022 में द्रौपदी मुर्मू देश के 15वें राष्ट्रपति का पद संभाला. आदिवासी समुदाय से आने वाले पहली और प्रतिभा पाटिल के बाद दूसरी महिला राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त की हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बहुत ही गरीब परिवार से निकल कर यहां तक पहुंची, इसिलए उन्हें खेती पसंद है. रियारमेंट के बाद वे खेती करने का निर्णय ली हैं.