देहरादून: उत्तराखंड से हरिद्वार के शिक्षक प्रदीप नेगी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जो दिव्यांग होने के बाद भी दूसरे शिक्षकों के लिए मिसाल बन गए हैं. वहीं, कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू के एक कदम ने सबका दिल जीत लिया और पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया. दरअसल पुरस्कार वितरण के दौरान उत्तराखंड के शिक्षक प्रदीप नेगी के नाम की घोषणा हुई. जैसे ही प्रदीप नेगी अपनी सीट से खड़े होकर मंच पर चढ़ने के लिए आते हैं, वैसे खुद राष्ट्रपति नीचे आ जाती हैं और प्रदीप नेगी को सम्मानित करती हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिव्यांग शिक्षक प्रदीप नेगी के प्रति उदारता दिखाने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आभार व्यक्त किया. इसके साथ ही अवॉर्ड पाने वाले 45 शिक्षकों में जिन 6 शिक्षकों का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंटरेक्शन के लिए हुआ था, उनमें उत्तराखंड के प्रदीप नेगी भी शामिल हैं. जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके शिक्षण कार्य को लेकर जानकारी हासिल की है.
पीएम मोदी ने पूछे दो प्रश्न: शिक्षक प्रदीप नेगी ने बताया कि पीएम से हुई बातचीत के दौरान उनसे शिक्षण कार्य से संबंधित दो प्रश्न पीएम मोदी ने पूछे. पहला सवाल पीएम ने प्रदीप नेगी से पूछा कि जो आप ऑनलाइन शिक्षण कार्य को बढ़ावा दे रहे हैं, उसमें दूसरे राज्यों के भी छात्र-छात्राएं जुड़े हैं, उनसे आप कैसे संपर्क करते हैं.
इस पर प्रदीप नेगी ने पीएम को बताया कि इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया में कई ग्रुप बनाए हुए हैं. जिसके जरिए वे दूसरे जिले, राज्यों के स्टूड़ेंट्स जुड़े हुए हैं. जिनको वे अपने नवाचार के बारे में जानकारी देते हैं. इसके लिए वे अपने साथ के टीचर और अन्य लोगों की मदद लेते हैं. जिसके जरिए वे अपने ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकें.
प्रदीप नेगी से पीएम नरेंद्र मोदी ने दूसरा प्रश्न पूछा कि आप के नवाचार के तरीके को नई एजुकेशन पॉलिसी में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं. प्रदीप नेगी ने बताया कि आईसीटी के जरिए वे जो भी काम और नवाचार कर रहे हैं, नई एजुकेशन पॉलिसी में इसी तरह से पढ़ाई के प्रचार प्रसार का काम होना है. नई एजुकेशन पॉलिसी में सबसे ज्यादा नवाचार और ऑनलाइन शिक्षण के तरीकों का ही इस्तेमाल है. ऐसे में उनके ये प्रयोग और नवाचार के तरीके इस्तेमाल हो सकते हैं.