नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि रक्षा बलों में युद्धक भूमिका से लेकर चिकित्सा सेवा तक महिला सशक्तीकरण को काफी बढ़ावा दिया गया है और सैन्य इंजीनियर सेवाओं (एमईएस) में और अधिक संख्या में महिलाओं को आना चाहिए. राष्ट्रपति ने सैन्य इंजीनियर सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात के दौरान यह बात कही.
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुर्मू ने कहा, 'निर्माण के क्षेत्र में युवा अधिकारियों के रूप में एमईएस अधिकारियों का प्रमुख कर्तव्य पर्यावरण की देखभाल करना भी है. हमें सतत विकास के लिए नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक उपयोग करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि एमईएस बड़ी संख्या में सौर फोटोवोल्टिक परियोजनाओं को पूरा करके कार्बन प्रभाव को कम करने में काफी योगदान दे रही है.
उन्होंने कहा कि वे नई निर्माण सामग्री का नवाचार और उसका उपयोग कर सकते हैं, जो निवासियों को खतरनाक रसायनों से बचाती है. मुर्मू ने कहा, 'निर्माण क्षेत्र बहुत गतिशील है और तकनीकें बहुत तेजी से बदल रही हैं. यह क्षेत्र आर्थिक वृद्धि और विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है. ऐसे में एमईएस अधिकारी परियोजना प्रबंधन के आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर बुनियादी ढांचे के विकास में अपना काफी योगदान दे सकते हैं.'
राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे सैनिक देश और देशवासियों के लिये बलिदान देने के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं. आपको मातृभूमि के वीर बेटे एवं बेटियों को समर्थन देने के लिये गौरवान्वित महसूस करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि वह इस बात पर जोर देना चाहेंगी कि एमईएस में अधिक संख्या में महिलाओं को आने की जरूरत है.