पौड़ी (उत्तराखंड): राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पैतृक गांव घीड़ी में इन दिनों धूमधाम मची है. एनएसए अजीत डोभाल और उनके गांववासियों की कुल देवी मां बालकुंवारी के वार्षिक पूजन एवं भंडारे को लेकर ग्रामीणों में जमकर उत्साह है.
एनएसए अजीत डोभाल के गांव में पूजा का निमंत्रण पत्र एनएसए अजीत डोभाल के गांव में कुल देवी की पूजा: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पैतृक गांव घीड़ी के मंदिर में वार्षिक पूजन एवं भंडारे का आयोजन आगामी 22 जून को किया जाएगा. कार्यक्रम में एनएसए के पहुंचे की भी उम्मीद है. जिसको लेकर डोभाल परिवार समेत सभी ग्रामीण तैयारियों में जुटे हैं. मंदिर में पूजा एवं भंडारे का आयोजन पिछले 25 वर्षो से निरंतर किया जा रहा है.
कुल देवी पूजा में गांव पहुंचते हैं एनएसए अजीत डोभाल: भंडारे और पूजन को धूमधाम के मनाए जाने के लिए मां बालकुंवारी सेवा समिति द्वारा तैयारियां की जा रही हैं. गांव की आराध्य देवी मां बालकुंवारी के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार होने के साथ ही यहां सामूहिक रूप से पूजा अर्चना और भंडारे का आयोजन किया जा रहा है. आराध्य देवी के मंदिर में सिर झुकाने के लिए खुद एनएसए डोभाल और उनका पूरा परिवार अपने पैतृक घीड़ी गांव पहुंचता रहा है. इतना ही नहीं देश विदेशों में बसे घीड़ी गांव के प्रवासी भी माता के वार्षिक भंडारे में अनिवार्य रूप से शिरकत करते हैं.
एनएसए अजीत डोभाल के गांव का मंदिर सज गया है. कुल देवी की पूजा में गांव आते हैं प्रवासी लोग: साथ ही आसपास के गांवों में भी अब अपने कुल देवी देवताओं के बहाने लोग खंडहर में तब्दील हो चुके घरों को फिर से आबाद कर रहे हैं. जिससे गांवों में एक बार फिर से लोग रिवर्स पलायन कर रहे हैं. हालांकि रिवर्स पलायन केवल दो माह के लिए ही होता है. लेकिन इससे ग्रामीण क्षेत्रों में एक बार फिर से लोगों की चहल कदमी देखी जाती है.
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माता का निमंत्रण पत्र है खास:दो दिवसीय वार्षिक पूजन एवं भंडारे को लेकर मां बालकुंवारी सेवा समिति ने खास निमंत्रण पत्र छपवाया है. जिसे गढ़वाली में प्रिंट किया गया है. इस निमंत्रण पत्र पर “समन्या भयूं” छपा है. जिसका अर्थ ठेट गढ़वाली में प्रणाम होता है. साथ ही कार्ड में भी जानकारियां भी गढ़वाली में ही छपी हैं, जो कि लोगों में काफी आकर्षण का केंद्र बनी हैं. इससे गढ़वाली बोली की समृद्धि और लोकप्रियता को भी बढ़ावा मिल रहा है. यहां तक कि खुद एनएसए डोभाल भी अपने गांव पहुंचने पर लोगों से अपनी बोली गढ़वाली में ही बातचीत करते हैं और कुशल क्षेम पूछते हैं. उनकी इस सादगी से लोग उनसे खास प्रभावित भी होते हैं.
अमेरिका के राजदूत कर चुके अजीत डोभाल की तारीफ:अजीत डोभाल को मिलिट्री ऑपरेशन और राष्ट्रीय सुरक्षा का विशेषज्ञ माना जाता है. जब से अजीत डोभाल एनएसए यानी देश केराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने हैं, तब से पड़ोसी आतंकी देश पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में जवाब दिया जा रहा है. एनएसए अजीत डोभाल की रणनीति का जादू पूरी दुनिया के रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं. हाल ही में भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था- उत्तराखंड के एक गांव का लड़का अजीत डोभाल, जो न केवल एक राष्ट्रीय खजाना है बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय खजाना बन गया है. जब मैं संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच की नींव को देखता हूं, तो यह इतनी मजबूत है, यह इतनी स्पष्ट है कि भारतीय अमेरिकियों से प्यार करते हैं और अमेरिकी भारतीयों से प्यार करते हैं.
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