उत्तरकाशी: पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है. भारत-चीन सीमा पर स्थित विश्व का दूसरा सबसे ऊंचा ट्रेक जनकताल ट्रेकिंग के लिए खोलने की तैयारी शुरू हो गई है. गंगोत्री नेशनल पार्क और आईटीबीपी ने इस ट्रैक को खोलने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया है. जिसके बाद पार्क प्रशासन ने इस ट्रैक पर ट्रैकिंग शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है.
नीले पानी की शांत झील है जनकताल जनकताल को खोलने की तैयारी: वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत केंद्र सरकार सीमांत गांवों को दोबारा आबाद करने पर कार्य कर रही है. इस योजना के तहत ही वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में खाली हो चुके नेलांग और जादूंग गांवों को भी विकसित करने की योजना है. छोटा लद्दाख कहे जाने वाले इस क्षेत्र में पर्यटन और ट्रैकिंग की अपार संभावनाएं हैं.
जनकताल को ट्रेकर्स के लिए खोलने की तैयारी है इसके लिए जादूंग घाटी में विश्व में दूसरे सबसे ऊंचे ट्रैक जनकताल को खोलने के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल ने कार्यवाही शुरू कर दी है. इस ट्रैक की समुद्रतल से ऊंचाई 5400 मीटर है. यह ट्रैक जादूंग गांव से शुरू होता है. जहां पर वर्तमान में आईटीबीपी की चौकियां स्थापित हैं.
इस इलाके को छोटा लद्दाख भी कहा जाता है नीलेपानी की शांत झील है जनकताल: गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय सहित वन विभाग और आईटीबीपी के उपसेनानी स्तर के अधिकारी और जवानों ने जादूंग से लेकर जनकताल तक करीब 12 किमी ट्रैक का निरीक्षण किया. पांडेय ने बताया कि यह क्षेत्र अंतराष्ट्रीय सीमा पर होने के कारण इनरलाइन बाध्यताओं के अंतर्गत आता है. इसलिए इस ट्रैक को खोलने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है.
जनकताल गंगोत्री इलाके में है वहीं इस ट्रैक के खुलने के बाद वहां पर प्रशिक्षित पर्वतारोहियों को जाने की अनुमति होगी. जिसमें इनरलाइन बाध्यताओं के सभी नियमों का पालन करवाया जाएगा. जनकताल करीब (.4) हेक्टेयर में फैला हुआ है. यहां पर नीलेपानी की शांत झील है.
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