नई दिल्ली : देश में विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में नगर निगम और नगर पालिकाएं बड़ी संख्या में ठेका और आकस्मिक सेवा (कैजुअल और कॉन्ट्रैक्चुअल) पर कर्मचारियों को रखती हैं. चूंकि ये नगर निकायों के नियमित कर्मचारी नहीं होते हैं, अत: सामाजिक सुरक्षा के दायरे से बाहर होते हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस मसले के समाधान के लिए कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के तहत दायरा बढ़ाकर इसमें सभी ठेका और आकस्मिक सेवा कर्मचारियों को शामिल करने का निर्णय किया गया है.
बयान के अनुसार ईएसआईसी को ईएसआई अधिनियम के तहत उपयुक्त सरकार (सरकारों) होने के चलते राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के समक्ष इस मामले को उठाने का निर्देश दिया गया है. ताकि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले नगर निगम, परिषद में आकस्मिक सेवा और ठेका कर्मियों के कवरेज को लेकर अधिसूचना जारी की जा सके.
बयान के अनुसार इसके दायरे में उन कैजुअल और कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों, एजेंसियों, प्रतिष्ठानों को शामिल किया जाएगा, जो केंद्र सरकार की ईएसआई अधिनियम 1948 के तहत पहले से ही अधिसूचित कार्यान्वित क्षेत्रों के दायरे में हैं.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए केंद्र सरकार के ईएसआई अधिनियम के तहत उपयुक्त सरकार होने के चलते, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने दिल्ली के एनसीटी में नगर निगमों, परिषद में काम करने वाले कैजुअल और कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों के ईएसआई अधिनियम के तहत कवरेज के लिए पहले ही सात जून 2021 को प्रस्तावित अधिसूचना जारी कर दी है.