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नए हाइवे एक्ट से बिहार के सुदूरवर्ती इलाके होंगी पटना से मात्र पांच घंटे दूर - विभाग की ओर से तैयारी तेज

बिहार में पथ निर्माण विभाग हाइवे एक्ट लेकर आने वाला है. इसके लिए विभाग की ओर से तैयारी तेज कर दी गई है. नए एक्ट के अपने फायदे होंगे. एक ओर जहां सड़क के चौड़ीकरण और निर्माण में आ रही बाधा आसानी से खत्म होगी, वहीं सरकार इस नए एक्ट से 5 घंटे में राजधानी पहुंचने के सपने को भी साकार कर पाएगी.

हाइवे एक्ट
हाइवे एक्ट

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Published : Feb 5, 2021, 12:58 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 1:33 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने सुदूर इलाकों से राजधानी पहुंचने का लक्ष्य पांच घंटे रखा है. इसको पूरा करने के लिए बिहार सरकार हाइवे एक्ट बनाने की तैयारी कर रही है. इस एक्ट के जरिए हाइवे के चौड़ीकरण में आ रही परेशानी को दूर किया जा सकेगा. चौड़ीकरण में हो रही कठिनाइयों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है. बजट सत्र में इस अधिनियम को लाने की तैयारी तेजी से हो रही है.

सीएम को विभाग ने दिया प्रजेंटेशन
बिहार में 5300 किलोमीटर नेशनल हाइवे और 4000 किलोमीटर स्टेट हाइवे है, जिसे लेकर सड़कों के निर्माण और रख-रखाव के प्रावधान होंगे. इस विशेष अधिनियम के तहत सड़क के किनारे घर बनाने के लिए भी विशेष नियम बनाए जाएंगे. विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है कि मामला अभी कंसल्टेंसी स्तर तक गया है. सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री के स्तर पर भी बैठक हो चुकी है. सीएम के सामने पथ निर्माण विभाग ने भी प्रजेंटेशन दिया है.

हाइवे एक्ट बनाने की तैयारी

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एक्ट से दूर होगी हाइवे चौड़ीकरण की बाधा
चौड़ीकरण का काम इसलिए आसानी से नहीं हो पाता क्योंकि सड़क के किनारे घर बनाए गए हैं, लेकिन अब सरकार इससे निपटने के लिए कानून बनाने जा रही है. इस कानून के बनने के बाद नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे के किनारे घर बनाना आसान नहीं होगा. नीतीश सरकार अगले महीने हो रहे बजट सत्र में इस अधिनियम को लाने की तैयारी कर रही है. पथ निर्माण विभाग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. इस अधिनियम के बन जाने से नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे के निर्माण के साथ-साथ रखरखाव में भी मदद मिलेगी.

जमीन अधिग्रहण बड़ी चुनौती
बिहार में अभी 12797 किलोमीटर की प्रमुख जिला रोड हैं, वहीं ग्रामीण सड़कें भी 95 हजार किलोमीटर से अधिक हैं. बिहार में सबसे अधिक परेशानी स्टेट हाइवे से एनएच हाइवे में केंद्र द्वारा स्वीकृति मार्गाें को लेकर है. क्योंकि स्टेट हाइवे में कई स्थानों पर अतिक्रमण की समस्या है और उसके चौड़ीकरण में जमीन अधिग्रहण करना एक बड़ी चुनौती है.

हाल के कुछ सालों में इन स्टेट हाइवे को मिला एनएच का दर्जा

  1. मधुबनी-फुलपरास वाया खुटौना
  2. बेनीबाद-परसौनी वाया बेलसंड
  3. बिहटा-सरमेरा
  4. बीरपुर-बलुआ-बथनाहा
  5. गया-रजौली वाया सिरदला
  6. हिसुआ-लखीसराय वाया रामगढ़
  7. कल्याणपुर-देवरिया वाया मुजफ्फरपुर

'45 मीटर और 60 मीटर एनएचएआई की सड़क है. एनएचआई एक्ट की धारा 42 के तहत अभी किसी भी हाइवे पर 75-75 मीटर दोनों ओर निर्माण नहीं होगा. जन सुविधा संबंधी निर्माण के लिए 40 मीटर, जबकि एक तरफ 30 मीटर की चौड़ाई में निर्माण की इजाजत भी सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय से लेनी होगी. इसके लिए मंत्रालय की स्वीकृति अनिवार्य कर दी गई है'- चंदन वत्स, NHI अधिकारी.

नए 'एक्ट' में सजा व जुर्माने के कड़े प्रावधान

बिहार में जो एक्ट लाया जा रहा है उसमें कई कड़े प्रावधान होंगे जिसमें सजा के साथ भारी जुर्माना भी लगेगा. निगरानी के लिए विशेष टीम भी बनाई जाएगी. भारत सरकार के एनएचआई एक्ट में भी कड़े प्रावधान हैं लेकिन एनएचआई के क्षेत्रीय अधिकारी के अनुसार स्टेट में आते-आते वह फेल हो जाता है. ऐसे में बिहार सरकार का कोई एक्ट आता है तो वह अतिक्रमण हटाने और जमीन अधिग्रहण में काफी मददगार होगा.

बजट सत्र में पास कराने की तैयारी

हालांकि नेशनल हाइवे विनिर्माण, रखरखाव और विकास के लिए नेशनल हाइवे एक्ट बना हुआ है लेकिन कई राज्यों ने अपने यहां भी हाइवे एक्ट बनाया है. बिहार में भी अब उस पर काम हो रहा है. अधिनियम के लिए कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद बजट-सत्र में ही इसे पास कराने की भी तैयारी है.

Last Updated : Feb 5, 2021, 1:33 PM IST

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