हैदराबाद : गूगल ने कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया पर गूगल के खिलाफ की गई जांच रिपोर्ट को लीक करने का आरोप लगाया गया है. यह जांच रिपोर्ट गूगल के एंड्रॉयड स्मार्टफोन एग्रीमेंट के दुरुपयोग की शिकायत पर जांच के बाद बनाई गई थी.
गूगल पर आरोप है कि उसने अपने प्रभाव और वित्तीय ताकत के जरिये एंड्रायड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और संबंधित बाजारों में अनुचित कारोबारी हथकंडे अपनाए थे. उसने डिवाइस कंपनियों को Google ऐप्स को प्री-इंस्टॉल करने के लिए मजबूर किया. इस कारण एंड्रॉयड के विकल्प को विकसित करने और बेचने की क्षमता कम हुई. हालांकि गूगल ने अपने बयान में दावा किया कि एंड्रॉयड ने कॉम्पिटिशन और इनोवेशन को बढ़ावा दिया है, इसे कम नहीं किया.
याचिका में गूगल ने पक्ष रखा है कि सीसीआई की तरफ से उसे अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. 18 सितंबर, 2021 को सीसीआई के महानिदेशक कार्यालय ने कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया को गूगल के एंड्रॉयड स्मार्टफोन समझौतों की चल रही जांच से संबंधित एक गोपनीय अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी, जिसे लीक कर दिया गया है.
दो रिसर्च एसोसिएट्स और एक लॉ स्टूडेंट की शिकायत के बाद गूगल के खिलाफ जांच 2019 में शुरू की गई थी. इस दौरान माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, ऐप्पल और स्मार्टफोन बनाने वाले सैमसंग ( Samsung) और शियोमी ( Xiaomi) समेत 62 कंपनियों के बयान लिए गए थे. माना जा रहा है कि सीसीआई की जांच रिपोर्ट में गूगल पर लगाए गए आरोप सही साबित हुए तो उस पर आर्थिक दंड लगाया जा सकता है. हालांकि अंतिम फैसले से पहले सीसीआई के सीनियर अधिकारी रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे और गूगल को अपना बचाव करने का एक और मौका देंगे.
गूगल सीसीआई के आदेश के खिलाफ भारत की अदालतों में अपील कर सकता है. बता दें कि गूगल की जांच यूरोप और अमेरिका में भी हुई है. हाल ही में दक्षिण कोरिया के एंटी ट्रस्ट रेगुलेटर ने एंड्रॉयड के कस्टमाइज वर्जन को ब्लॉक करने के लिए गूगल पर 180 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है.
लीक रिपोर्ट के तथ्य, जिससे गूगल को गुस्सा आया
- मीडिया रिपोर्टस के अनुसार बताया जा रहा है कि गूगल के खिलाफ कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की जांच रिपोर्ट 750 पन्नों की है.
- रिपोर्ट में यह पाया गया है कि गूगल ने भारत के प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन किया और डिवाइस निर्माताओं पर अनुचित दबाव बनाया.
- अपने प्रभुत्व और प्ले स्टोर ऐप स्टोर की स्थिति का लाभ उठाकर मोबाइल और अन्य डिवाइस में अपने ऐप्स का पूर्व-इंस्टॉलेशन अनिवार्य कराया.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि प्ले स्टोर (Play Store) की नीतियां एकतरफा, अस्पष्ट और मनमानी थीं, 2011 से ही गूगल एंड्रॉयड स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए प्री इस्टॉलेशन का लाभ ले रहा है.