दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

स्कूल में बढ़े अल्पसंख्यक बच्चे तो हाथ जोड़कर प्रार्थना हुआ बंद, शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया

झारखंड के गढ़वा जिले में कोरवाडीह मध्य विद्यालय में जब अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या बढ़ी तो हाथ बांधकर प्रार्थना शुरू कर दिया गया. मामला जैसे ही प्रकाश में आया जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया और विद्यालय पहुंचकर स्थानीय लोगों के साथ बैठक की. अब स्कूल में एक बार फिर से हाथ जोड़कर प्रार्थना शुरू हो गई है.

Korwadih Middle School of Garhwa
Korwadih Middle School of Garhwa

By

Published : Jul 5, 2022, 8:14 PM IST

गढ़वाःकोरवाडीह मध्य विद्यालय में जब अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या बढ़ी तो यहां हाथ जोड़कर प्रार्थना के बजाए हाथ बांधकर प्रार्थना किया जाने लगा. जैसे ही यह मामला गढ़वा जिला प्रशासन के सामने आया उन्होंने इसे गंभीरता से लिया. मामले की जानकारी के बाद उपायुक्त के निर्देश पर प्रशासनिक पदाधिकारियों की टीम विद्यालय पहुंची. इस दौरान स्थानीय मुखिया भी मौजूद थे, जिन्होंने हाथ जोड़कर प्रार्थना शुरू कराई.

ये भी पढ़ें:Film Kaali Poster: डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' पर बढ़ा विवाद, पलामू में FIR दर्ज करने के लिए आवेदन


मिली जानकारी के अनुसार कोरवाडीह मध्य विद्यालय में एक समुदाय के 75 प्रतिशत बच्चे पढ़ रहे हैं. इससे हाथ जोड़कर प्रार्थना करने के बजाये हाथ बांधकर प्रार्थना कराया जाने लगा. यह मामला प्रकाश में आया तो प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में प्रशासनिक पदाधिकारी विद्यालय पहुंच गये. इसके बाद सीओ सह डीएसई मयंक भूषण, बीडीओ कुमुद झा, पूर्व प्रधानाध्यापक असरफी राम, मुखिया शरीफ अंसारी, विद्यालय प्रबंध समिति, प्रधानाध्यापक और अभिभावकों की बैठक हुई. इस बैठक में हाथ जोड़कर प्रार्थना कराने का निर्णय लिया गया.

जानकारी देते डीएसई


मुखिया शरीफ अंसारी ने कहा कि हाथ जोड़कर प्रार्थना करने में कोई हर्ज नहीं है. उन्होंने कहा कि आज के बाद हाथ जोड़कर ही प्रार्थना करना है. कोई दबाव बनाने की कोशिश करें तो इसकी सूचना प्रधानाध्यापक को दें. जिला शिक्षा अधीक्षक मयंक भूषण ने कहा कि मामला प्रकाश में आने के बाद विद्यालय पहुंचकर स्थानीय मुखिया, विद्यालय प्रबंधन के साथ बैठक की. इसके बाद समस्या का समाधान निकाल लिया गया है.

स्कूल के हेडमास्टर जुगेश्वर राम ने बताया कि विद्यालय में अधिकतर बच्चे मुस्लिम समुदाय से आते हैं, यहां जब प्रार्थना होती है तो लोग हाथ नहीं जोड़ते हैं बल्कि सभी हाथ बांध लेते है. उन्होंने कहा, उन्होंने पहल की थी, लेकिन बच्चे नहीं माने तो उन्होंने भी बोलना छोड़ दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details