चिकित्सकों के काफी प्रयास के बावजूद नहीं बचाई जा सकी जान. प्रयागराज :उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में शामिल मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी को दिल का दौरा पड़ गया. वह नैनी सेंट्रल जेल में बंद था. रविवार की रात सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द की शिकायत पर उसे जेल के अस्पताल में ले जाया गया. यहां से उसे स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. नवंबर माह में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने से घायल नफीस का एसआरएन अस्पताल में इलाज कराया गया था. इसके बाद 9 दिसम्बर को उसे जेल भेज दिया गया था.
23 नवंबर को पुलिस से हुई थी मुठभेड़ :24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के जयंतीपुर इलाके में उमेशपाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिस वालों पर बम और गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले माफिया अतीक अहमद के गैंग 4 शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराया था. वारदात को अंजाम देने में शामिल अतीक अहमद का बेटा असद भी शामिल था. वारदात में शामिल 3 शूटर बमबाज गुड्डू मुस्लिम, शूटर साबिर और अरमान फरार चल रहे हैं. उन पर 5-5 लाख का इनाम घोषित है. इसी के साथ वारदात को अंजाम देने की साजिश में शामिल होने और शूटरों को भगाने में उनकी मदद करने वाले और कैश देने वालों की भी पुलिस तलाश कर रही है. इसी कड़ी में 23 नवम्बर को अतीक गैंग के इनामी मेम्बर और फाइनेंसर नफीस बिरयानी की पुलिस से मुठभेड़ हो गई.
सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ :पुलिस ने गोली लगने से घायल हुए इनामी बदमाश नफीस बिरयानी को गिरफ्तार कर लिया था. गोली से घायल नफीस का एसआरएन अस्पताल में दो हफ्ते से ज्यादा समय समय तक इलाज चला था. पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद 9 दिसंबर को अस्पताल से नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया था. रविवार की रात को उसने सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत बताई थी. इसके बाद उसे पहले जेल अस्पताल और फिर एसआरएन हॉस्पिटल लाया गया. डॉक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा था. हार्ट अटैक आने के साथ ही उसके किडनी पर भी असर पड़ा था. डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे. इस दौरान उसकी मौत हो गई.
नफीस बिरयानी की एसआरएन पहुंचने के चार घंटे बाद हो गई मौत :स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि रविवार की रात 11 बजे सांस लेने में दिक्कत और सीने में तेज दर्द की वजह से गंभीर हालत में नफीस को अस्पताल लाया गया था. उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी. मेडिकल कॉलेज के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम उसका इलाज कर रही थी. आधी रात के बाद उसकी हालत लगातार बिगड़ने लगी. नफीस का ब्लड प्रेशर काफी लो था. ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम हो गया था. मेजर हार्ट अटैक का असर उसकी किडनी समेत अन्य अंगों पर भी बुरी तरह पड़ गया था. अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. कार्डियोलॉजी और मेडिसिन के साथ ही आईसीसीयू की टीम ने भी प्रयास किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. रात एक बजे उसकी मौत हो गई.
उमेश पाल के कातिलों को क्रेटा कार दिलवाने का है आरोप :उमेश पाल हत्याकांड के बाद से प्रयागराज का सबसे मशहूर बिरयानी वाला मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी भी माफिया अतीक अहमद के गैंग के लोगों के साथ फरार हो गया था. उमेश पाल और उसके साथ के दो पुलिस कर्मियों की हत्या करने शूटर जिस कार से आए थे, वह क्रेटा कार इसी बिरयानी वाले कि बताई जा रही थी. इसने अपने करीबी रिश्तेदार के नाम कर दी थी. मोहम्मद नफीस उर्फ नफीस बिरयानी पर यह भी आरोप था कि उसने ही क्रेटा कार रिश्तेदार से शूटरों को दिलवाई थी. जिसमें बैठकर असद समेत अन्य शूटर उमेश पाल ट्रिपल मर्डर की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए थे. उसी घटना के बाद से नफीस बिरयानी फरार चल रहा था और लगातार ठिकाने बदलकर पुलिस से बच रहा था. पुलिस ने उसके ऊपर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था. नफीस बिरयानी अतीक अहमद गैंग के रुपयों की वसूली भी करता था. वह रुपयों को अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी जैनब तक पहुंचाता भी था. पुलिस की पड़ताल में यह भी पता चला है कि नफीस माफिया के परिवार को हर महीने 25 से 30 लाख रुपये की आर्थिक मदद करता था. उसे खालिद अजीम उर्फ अशरफ का बिजनेस पार्टनर भी कहा जाता है. अतीक अशरफ की मदद से ही कमजोर तबके से आने वाला मोहम्मद नफीस नफीस बिरयानी बन गया.
कौन था नफीस बिरयानी :अतीक अहमद के गैंग के खास कहे जाने वाले नफीस बिरयानी का नाम मोहम्मद नफीस था. वह एक छोटी सी दुकान में बिरयानी बेचता था. उसी दौरान उसका संपर्क अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ से हो गया था. जिसके जरिए वह अतीक अहमद के संपर्क में भी आ गया. यहां पहुंचने के बाद उसके बिरयानी की चर्चा भी बढ़ने लगे. उसके बाद ही मोहम्मद नफीस नए नाम नफीस बिरयानी के नाम से शहर में मशहूर हो गया. यही नहीं माफिया अतीक का करीबी बनने के बाद सिविल लाइंस इलाके में दुकान के साथ ही बड़े मैदान पर कब्जा करके उसका कारखाना बनवा दिया गया था. यहां से बिरयानी बनकर अन्य जगह सप्लाई होने लगी. तीन साल पहले पीडीए ने माफिया अतीक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नफीस के बिरयानी के कारखाने को जमींदोज कर दिया था. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से नफीस बिरयानी अंडरग्राउंड हो गया था.
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