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राष्ट्र निर्माण में NRI भी बेहद अहम, जानें क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 8, 2024, 7:29 PM IST

Updated : Jan 9, 2024, 12:14 PM IST

Pravasi Bharatiya Divas: प्रवासी भारतीयों का जलवा लंबे समय से पूरी दुनिया में कायम है. इन प्रवासियों ने भारत ही नहीं प्रवास वाले स्थान में भी अपनी पद, पहचान, राजनीति, कारोबार, प्रबंधन और अन्य कौशलों की मदद से अपनी अलग पहचान को कायम किया है. इस पर सभी भारत वासियों को गर्व है. पढ़ें पूरी खबर...

Pravasi Bharatiya Divas
प्रवासी भारतीय दिवस

हैदराबादःकिसी भी देश के विकास में प्रवासियों का अहम योगदान होता है. भारतीय प्रवासी दुनिया भर में फैले हुए हैं. देश के विकास में प्रवासियों के योगदान को चिह्नित करने के लिए 9 जनवरी 2013 से प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर दुनिया के कोने-कोने से भारतीय प्रवासी देश में होने वाले एक कार्यक्रम में पहुंचते हैं. ये प्रवासी भारतीय इस आयोजन में सरकार को विकास के नये-नये मॉडल को अपनाने के लिए सुझाव देते हैं. वहीं सरकार की ओर से निवेश के लिए प्रवासियों से देश के विकास में आर्थिक, तकनीकी सहित अन्य मुद्दों पर सहयोग की अपील की जाती है.

9 जनवरी का इतिहास
दक्षिण अफ्रीका में अपने सफल आंदोलन के बाद महात्मा गांधी एक विजेता के तौर पर 9 जनवरी 1915 को भारत वापस लौटे. भारत लौटने के बाद उनका जोरदार स्वागत हुआ. वापस लौटने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी कस्तूरबा के साथ रेलवे के तीसरे दर्जे के कोच में भारत भ्रमण कर देश में गरीबी व अन्य बदहाली को अपनी आंखों से देखा. इस दौरान उन्होंने अंग्रेज शासकों की ओर से लाये गये रौलट एक्ट का विरोध शुरू कर दिया. उनका साथ देने के लिए देश भर में भारतीय लोग अंग्रेजों के खिलाफ सड़क पर उतरे. देश के सफल प्रवासी मोहनदास करमचंद गांधी के अफ्रीका से भारत वापस लौटने की तिथि 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

प्रवासी भारतीय सम्मान
प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारत सरकार की ओर से प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार दिया जाता है. यह प्रवासी भारतीयों को भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. बता दें कि यह पुरस्कार नॉन रेजिडेंट भारतीय, भारतीय मूल के निवासी, नॉन रेजिडेंट द्वारा संचालित और स्थापित संस्थाओं को यह पुरस्कार दिया जाता है. इसके तहत भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रवासियों को चुना जाता है. सम्मान के लिए व्यापार, कला, तकनीक, विज्ञान, सहित अन्य क्षेत्र में उपलब्धि के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है.

पुरस्कार के चयन के महत्वपूर्ण मानक

  1. विदेशों में भारत के बारे में बेहतर समझ हो
  2. परोपकारी व धर्मार्थ कार्य से जुड़ा हुआ हो
  3. भारत के सामरिक-राजनीतिक मुद्दों पर ठोस समर्थक हो
  4. भारतीय समुदाय का स्थानीय तौर पर कल्याण करता हो
  5. विदेश में ऐसा कोई किया हो जिससे भारत को गर्व हो
  6. भारतीय व प्रवासी समुदाय के बीच बेहतर संबंध हो

प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन स्थल

  1. 2023 इंदौर
  2. 2021 वर्चुअल
  3. 2019 वाराणसी
  4. 2017 बेंगलुरु
  5. 2015 गांधीनगर
  6. 2014 नई दिल्ली
  7. 2013 कोच्चि
  8. 2012 जयपुर
  9. 2011 नई दिल्ली
  10. 2010 नई दिल्ली
  11. 2009 चेन्नई
  12. 2008 नई दिल्ली
  13. 2007 नई दिल्ली
  14. 2006 हैदराबाद
  15. 2005 मुंबई
  16. 2004 नई दिल्ली
  17. 2003 नई दिल्ली

विदेश दौरे पर पीएम प्रवासी भारतीयों से विशेष रूप से करते हैं मुलाकात
पीएम इंडिया की आधाकारिक वेबसाइट के अनुसार 15 जून 2014 से 7 सितंबर 2023 तक पीएम नरेंद्र मोदी 74 विदेशी दौरे कर चुके हैं. कई दौरे में वे एक से ज्यादा देशों में रुके. हर दौरे पर पीएम प्रवासी भारतीयों से निश्चित रूप से मिलते हैं और देश के विकास में हर संभव योगदान देने के लिए आगे आने की अपील करते हैं.

प्रवासी भारतीय दिवस

वेबसाइट के अनुसार पीएम भूटान, ब्राजील, नेपाल, जापान, अमेरिका, म्यंनमार, अस्ट्रेलिया, फिजी, श्रीलंका, मारिशस, सिंगापुर, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, चीन, मंगोलिया, साउथ कोरिया, बंग्लादेश, रूस, संयुक्त अरब अमिरात, आयरलैंड, अमेरिका, टर्की, मलेशिया, पाकिस्तान, ईरान, साउथ अफ्रिका और इंडोनेशिया का दौरा कर चुके हैं.

प्रवासी दिवस से जुड़े तथ्य

  1. चीनी के बाद भारत का दुनिया में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है.
  2. अनुमानित तौर पर 37 मिलियन से ज्यादा भारतीय प्रवासी दुनिया भर में फैले हैं.
  3. हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है.
  4. 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटे थे.
  5. इसी कारण 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है.
  6. प्रवासी भारतीय दिवस को एनआरआई दिवस भी कहा जाता है.
  7. भारतीय प्रवासियों को देश से जोड़ने के लिए हर साल प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है.
  8. PIO और OCI कार्डधारकों को 2015 में एक श्रेणी ओसीआई के तहत विलय कर दिया गया है.
  9. 25 दिसंबर, 2021 के डेटा के अनुसार दुनिया भर में 32 मिलियन प्रवासी भारतीय हैं. इनमें 13 मिलियन से अधिक एनआरआई और 18 मिलियन पीआईओ शामिल हैं.
  10. भारतीय प्रवासी अपनी प्रतिभा, अनुकरणीय अनुशासन और कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संगीत, साहित्य, राजनीति और व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
  11. एनआरआई को मतदान का अधिकार: जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2010 पारित किया गया है जो प्रवासी भारतीय पासपोर्ट धारकों को मतदान का अधिकार देता है.
  12. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023 में अनुमानित USD125 बिलियन के साथ प्रेषण के सबसे बड़े प्राप्तकर्ता (Largest Recipient of Remittances) के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा.

विश्व स्तर पर सर्वोच्च पदों पर आसीन भारतीय प्रवासी

  1. कमला हैरिस: कमला देवी हैरिस, संयुक्त राज्य अमेरिका की पहली महिला और पहली रंगीन उपराष्ट्रपति हैं. 49वें उपराष्ट्रपति पहले अफ्रीकी अमेरिकी और एशियाई अमेरिकी उपराष्ट्रपति भी हैं. वह डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य हैं और 2017 से 2021 तक कैलिफोर्निया की सीनेटर रहीं.
  2. ऋषि सुनक: ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री और 200 साल में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं. 42 वर्षीय, जो पहले ब्रिटेन के वित्त मंत्री के रूप में कार्य कर चुके थे, ने कार्यालय में केवल 45 दिनों के बाद 20 अक्टूबर को लिज ट्रस के इस्तीफा देने के बाद यह पद संभाला.
  3. मोहम्मद इरफान अली: डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली ने 2 अगस्त 2020 को गुयाना के नौवें कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. मोहम्मद इरफान अली का जन्म वेस्ट कोस्ट डेमारारा के लियोनोरा में एक मुस्लिम इंडो-गुयाना परिवार में हुआ था. 2020 से गुयाना के नौवें कार्यकारी राष्ट्रपति हैं. वह गुयाना के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति भी हैं.
  4. हलीमा याकूब: पूर्व वकील हलीमा याकूब 2017 से सिंगापुर के आठवें राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं. राष्ट्रपति बनने से पहले, वह देश की संसद अध्यक्ष थीं. सिंगापुर के इतिहास वह पहली महिला राष्ट्रपति भी हैं.
  5. एंटोनियो कोस्टा:एंटोनियो लुइस सैंटोस दा कोस्टा जीसीआईएच 2015 से पुर्तगाल के प्रधान मंत्री हैं और हैं देश के 119वें पीएम एंटोनियो कोस्टा, जिन्हें उनकी मितव्ययी जीवनशैली के लिए 'लिस्बन के गांधी' के रूप में जाना जाता है.
  6. चान संतोखी: पूर्व पुलिस अधिकारी चंद्रिकाप्रसाद 'चान' संतोखी 2020 से सूरीनाम के नौवें राष्ट्रपति रहे हैं. वह निर्विरोध चुनाव के माध्यम से चुने गए. संतोखी का जन्म एक इंडो-सूरीनाम हिंदू परिवार में हुआ था.
  7. प्रविंद कुमार: मॉरीशस के राजनेता प्रविंद कुमार जुगनॉथ 2017 से प्रधान मंत्री पद पर हैं. वह मिलिटेंट सोशलिस्ट के नेता रहे हैं. एक हिंदू परिवार में जन्मे, जुगनुथ के पूर्वज उत्तर प्रदेश से हैं.
  8. लियो वराडकर: लियो एरिक वराडकर टैनिस्टे जून 2020 से आयरलैंड में रोजगार और उद्यम, व्यापार और मंत्री के रूप में कार्यरत रहे हैं. वह फाइन गेल की राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं और पहले भी सेवा कर चुके हैं. डबलिन में जन्मे वरदकर अशोक के पुत्र हैं - जो थे मुंबई में पैदा हुए और बाद में यूके चले गए - और मिरियम.
  9. पृथ्वीराजसिंह रूपुण: पृथ्वीराजसिंह रूपुण जीसीएसके या प्रदीप सिंह रूपुण के सातवें अध्यक्ष रहे हैं. वे 2019 से इस पद पर कार्यरत रहे हैं. मॉरीशस के राष्ट्रपति रूपन ने चुने जाने से पहले कई मंत्रालयों में मंत्री के रूप में कार्य किया था. उनका जन्म एक भारतीय आर्य समाजी हिंदू परिवार में हुआ और वे मोर्सेलेमेंट सेंट जीन में पले-बढ़े.
Last Updated : Jan 9, 2024, 12:14 PM IST

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