नई दिल्ली : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा चुके हैं. पीके ने चंद दिनों पहले पार्टी में ढांचागत सुधार के लिए बहुत सारे सुझाव दिए थे. उन्होंने इस सुझाव में ढांचागत समस्याओं को सुलझाने के लिए 'नेतृत्व' और 'सामूहिक इच्छाशक्ति' की जरूरत बताई थी. अब एक चैनल को दिए खास इंटरव्यू में उन्होंने खुलकर कहा कि पार्टी के पास इतने बड़े नेता हैं, कि वह अपने दम पर पुनरुद्धार करने में सक्षम हैं और कांग्रेस को इसके लिए पीके की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि वह पार्टी में कोई भूमिका नहीं चाहते हैं, लेकिन केवल यह चाहते हैं कि एक बार भविष्य के लिए एक खाका तैयार हो जाए, तो इसे लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'मैं उन्हें जो बताना चाहता था, मैंने किया. 2014 के बाद पहली बार पार्टी ने अपने भविष्य पर इतने संरचित तरीके से चर्चा की है ... लेकिन मुझे एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप के बारे में कुछ संदेह था, कि वे चाहते थे कि मैं इसका हिस्सा बनूं. उन्होंने पेशकश की और मैंने कहा नहीं.'
इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बातचीत विफल होने के बाद यह चर्चा है कि पीके प्रियंका गांधी को पार्टी प्रमुख बनाना चाहते थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व सहमत नहीं था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'पार्टी को दिए गए नेतृत्व के फार्मूले में न तो राहुल का नाम था और न ही प्रियंका गांधी का. लेकिन मैं आपको यह नहीं बता सकता कि निजी तौर पर क्या प्रस्तावित किया गया था.'