पणजी: लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए गोवा के मुख्यमंत्री के रूप शपथ ग्रहण करने वाले प्रमोद सावंत ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने नेतृत्व में 20 सीटों पर जीत दिलाकर राज्य के राजनीतिक इतिहास में एक अहम अध्याय जोड़ दिया और यह दिखा दिया है कि पार्टी अपने दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर की परछाई से बाहर निकल आई है. आयुर्वेद चिकित्सक एवं उत्तर गोवा की सांखालिम सीट से तीन बार विधायक चुने गए सावंत (48) पर्रिकर को अपना गुरू मानते हैं. सावंत ने सोमवार को दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. भाजपा 2012 से गोवा में सत्ता में है और यह उसकी लगातार तीसरी जीत है.
भगवा दल सत्ता विरोधी लहर और टिकट आवंटन को लेकर पर्रिकर के बेटे समेत कई अहम नेताओं के इस्तीफे के झटकों से सावंत के नेतृत्व में पार पाने में सफल रहा और उसने 40 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए हाल में हुए बहुकोणीय मुकाबले में 20 सीटें जीतकर अपना अब तक का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. सावंत राज्य के विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश की आशंका को धत्ता बताते हुए पार्टी को विजय दिलाने में सफल रहे. मार्च, 2019 में पहली बार मुख्यमंत्री बने सावंत के नेतृत्व में पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल करने में मात्र एक सीट से चूक गई. तीन निर्दलीय विधायकों और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के दो विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया है.
इससे पहले, भाजपा ने 2012 में 21 सीट जीतकर गोवा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. उस समय गोवा के राजनीतिक परिदृश्य में पर्रिकर का दबदबा था. भाजपा ने 2017 में जब पर्रिकर के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाई थी, उस समय सावंत को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन मार्च 2019 में पर्रिकर के निधन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया. सावंत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का करीबी माना जाता है और तस्वीरों में वह मुख्यमंत्री रहते हुए संघ के एक कार्यक्रम में भाग लेते दिखाई दिए थे.