जयपुर : भगवान शिव को विशेष प्रिय प्रदोष व्रत इस बार 16 दिसंबर को है. किसी भी महीने में शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत पर विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
शुभ मुहूर्त
जानकारी के अनुसार, मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी 16 दिसंबर को है और प्रदोष काल शाम 5:27 बजे से रात 8:11 बजे तक रहेगा. प्रदोष का व्रत गुरुवार को हो तो उसे गुरु प्रदोष कहा जाता है. इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना और व्रत करने से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यह व्रत करने से सुख समृद्धि मिलती है और शत्रुओं का विनाश होता है.