बेल्लारी/बेंगलुरु :बेल्लारी के एक अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में कथित रूप से बिजली कटौती के दौरान चार मरीजों मौत हो गई. ये मुद्दा गुरुवार को विधानसभा में भी गूंजा. हालांकि कर्नाटक सरकार ने इस आरोप से इनकार किया, साथ ही कहा कि वह जांच कराने के लिए तैयार है. साथ ही मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की (CM announces compensation). उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने बेल्लारी घटना के पीड़ितों के परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है.
दरअसल आरोप है कि विजयनगर आयुर्विज्ञान संस्थान (VIMS) अस्पताल के आईसीयू में बिजली कटौती से चार लोगों की मौत हो गई. बताया गया कि बेल्लारी के विम्स अस्पताल के आईसीयू में इलाज करा रहे चेट्टम्मा (30), मौलहुसैन (38) और चंद्रम्मा (65) और मनोज (18) की अचानक मौत हो गई. कहा जा रहा है कि इन मौतों का मुख्य कारण आईसीयू में आपूर्ति की जा रही बिजली कटौती थी.
बुधवार को विम्स अस्पताल में बिजली कटौती हुई थी. 3-4 घंटे बाद भी बिजली नहीं आई. आरोप हैं कि आईसीयू वार्ड में तीन लोगों की ऑक्सीजन की समस्या से मौत हो गई. हालांकि बाद में मनोज (18) नाम के एक युवक की भी मौत हो गई. मनोज के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि विम्स के प्रबंधन बोर्ड ने मृतक मनोज को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था. एक दिन बीतने के बाद माता-पिता को सूचित किया गया कि मनोज की मृत्यु हो गई है. इस वजह से मनोज के परिवार में आक्रोश है.
लेकिन VIMS का प्रबंधन बोर्ड आरोपों को खारिज कर रहा है. VIMS अधीक्षक योगेश ने कहा, हमारे अस्पताल में केवल दो लोगों की मौत हुई. यह सच है कि अस्पताल में बिजली चली गई लेकिन बिजली कटौती के बाद भी वेंटिलेटर की आपूर्ति थी. पास के बेड पर कई मरीज थे, वे परेशान नहीं हैं. VIMS अधीक्षक योगेश ने कहा, मरीज के परिजनों के आरोप सच्चाई से कोसों दूर हैं.