नई दिल्ली :बिजली मंत्रालय ने एक निजी अमेरिकी कंपनी द्वारा किए गए एक अध्ययन का जवाब दिया. जिसमें कहा गया था कि चीन से जुड़े समूह ने मालवेयर के माध्यम से भारत के पावर ग्रिड सिस्टम को लक्षित किया है. यह एक सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर नेटवर्क को नुकसान पहुंचाता है.
इस अध्ययन ने संदेह पैदा किया कि क्या पिछले साल मुंबई में बड़े पैमाने पर बिजली की कटौती ऑनलाइन घुसपैठ का परिणाम थी. हालांकि, मंत्रालय ने अपने बयान में मुंबई में आउटरेज के बारे में उल्लेख नहीं किया है. रिकॉर्डेड फ्यूचर, जो अमेरिका में इंटरनेट के उपयोग का अध्ययन करता है, ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चीन से जुड़े खतरे गतिविधि समूह रेड इको द्वारा भारतीय बिजली क्षेत्र को लक्षित करने वाले अभियान का विवरण दिया है. गतिविधि की पहचान बड़े पैमाने पर स्वचालित नेटवर्क ट्रैफिक एनालिटिक्स और विशेषज्ञ विश्लेषण के संयोजन के माध्यम से की गई है.
मुंबई में हुई थी लंबी बिजली कटौती
रिपोर्ट में कहा गया है कि डाटा स्रोतों में रिकॉर्डेड फ्यूचर प्लेटफार्म, सिक्योरिटी ट्रैल्स, स्पर, फोरसाइट और सामान्य ओपन-सोर्स टूल और तकनीक शामिल है. आरोप के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को भारत के पावर ग्रिड की हैकिंग में चीन की भागीदारी के बारे में आलोचना को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बिना सबूत के आरोप लगाना गैर-जिम्मेदाराना है. 12 अक्टूबर को मुंबई में ग्रिड फेल होने के कारण बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हुई, ट्रेनों को पटरियों पर रोक दिया गया. जिसने कोविड-19 महामारी के बीच घर से काम करने वालों को बाधा पहुंचाई और आर्थिक गतिविधि को चोट पहुंचाई.
सीएम ने दिए मामले की जांच के आदेश
बिजली आपूर्ति के बाद आवश्यक सेवाओं को फिर से शुरू करने में दो घंटे लग गए. जिससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए थे. अपनी रिपोर्ट में रिकॉर्डेड फ्यूचर ने प्रभावित संगठनों के भीतर घटना की प्रतिक्रिया और सुधारात्मक जांच के लिए संदिग्ध घुसपैठ की जानकीरी प्रकाशन से पहले उपयुक्त भारतीय सरकारी विभागों को सूचित किया था. मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि रेड इको संबंधित सलाहकार में उल्लिखित आईपी नवंबर 2020 के महीने में पहले से ही सीईआरटी-इन द्वारा दी गई शैडो पैड में दिए गए लोगों के साथ मेल खा रहा है.
स्कैन की गई सारी प्रणाली
मंत्रालय ने कहा कि NCIIPC मेल में सूचीबद्ध सभी IP और डोमेन को सभी नियंत्रण केंद्रों पर फायरवॉल में ब्लॉक कर दिया गया है. सूचीबद्ध आईपी और डोमेन की ओर किसी भी कनेक्शन के प्रयास के लिए लॉग ऑफ फायरवॉल की निगरानी की जा रही है. इसके अतिरिक्त नियंत्रण केंद्रों में सभी प्रणालियों को स्कैन और एंटीवायरस द्वारा साफ किया गया है.