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मालवेयर हमले के कारण POSOCO की कार्यक्षमता पर नहीं पड़ा कोई प्रभाव : बिजली मंत्रालय - नहीं हुई किसी डाटा को क्षति

बिजली मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि किसी भी मालवेयर के हमले के कारण पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (POSOCO) के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इस तरह के खतरों के खिलाफ जारी परामर्श पर त्वरित कार्रवाई की जाती है.

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Published : Mar 1, 2021, 10:58 PM IST

नई दिल्ली :बिजली मंत्रालय ने एक निजी अमेरिकी कंपनी द्वारा किए गए एक अध्ययन का जवाब दिया. जिसमें कहा गया था कि चीन से जुड़े समूह ने मालवेयर के माध्यम से भारत के पावर ग्रिड सिस्टम को लक्षित किया है. यह एक सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर नेटवर्क को नुकसान पहुंचाता है.

इस अध्ययन ने संदेह पैदा किया कि क्या पिछले साल मुंबई में बड़े पैमाने पर बिजली की कटौती ऑनलाइन घुसपैठ का परिणाम थी. हालांकि, मंत्रालय ने अपने बयान में मुंबई में आउटरेज के बारे में उल्लेख नहीं किया है. रिकॉर्डेड फ्यूचर, जो अमेरिका में इंटरनेट के उपयोग का अध्ययन करता है, ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चीन से जुड़े खतरे गतिविधि समूह रेड इको द्वारा भारतीय बिजली क्षेत्र को लक्षित करने वाले अभियान का विवरण दिया है. गतिविधि की पहचान बड़े पैमाने पर स्वचालित नेटवर्क ट्रैफिक एनालिटिक्स और विशेषज्ञ विश्लेषण के संयोजन के माध्यम से की गई है.

मुंबई में हुई थी लंबी बिजली कटौती

रिपोर्ट में कहा गया है कि डाटा स्रोतों में रिकॉर्डेड फ्यूचर प्लेटफार्म, सिक्योरिटी ट्रैल्स, स्पर, फोरसाइट और सामान्य ओपन-सोर्स टूल और तकनीक शामिल है. आरोप के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को भारत के पावर ग्रिड की हैकिंग में चीन की भागीदारी के बारे में आलोचना को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बिना सबूत के आरोप लगाना गैर-जिम्मेदाराना है. 12 अक्टूबर को मुंबई में ग्रिड फेल होने के कारण बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हुई, ट्रेनों को पटरियों पर रोक दिया गया. जिसने कोविड-19 महामारी के बीच घर से काम करने वालों को बाधा पहुंचाई और आर्थिक गतिविधि को चोट पहुंचाई.

सीएम ने दिए मामले की जांच के आदेश

बिजली आपूर्ति के बाद आवश्यक सेवाओं को फिर से शुरू करने में दो घंटे लग गए. जिससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए थे. अपनी रिपोर्ट में रिकॉर्डेड फ्यूचर ने प्रभावित संगठनों के भीतर घटना की प्रतिक्रिया और सुधारात्मक जांच के लिए संदिग्ध घुसपैठ की जानकीरी प्रकाशन से पहले उपयुक्त भारतीय सरकारी विभागों को सूचित किया था. मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि रेड इको संबंधित सलाहकार में उल्लिखित आईपी नवंबर 2020 के महीने में पहले से ही सीईआरटी-इन द्वारा दी गई शैडो पैड में दिए गए लोगों के साथ मेल खा रहा है.

स्कैन की गई सारी प्रणाली

मंत्रालय ने कहा कि NCIIPC मेल में सूचीबद्ध सभी IP और डोमेन को सभी नियंत्रण केंद्रों पर फायरवॉल में ब्लॉक कर दिया गया है. सूचीबद्ध आईपी और डोमेन की ओर किसी भी कनेक्शन के प्रयास के लिए लॉग ऑफ फायरवॉल की निगरानी की जा रही है. इसके अतिरिक्त नियंत्रण केंद्रों में सभी प्रणालियों को स्कैन और एंटीवायरस द्वारा साफ किया गया है.

खतरे के बारे में मिली थी सूचना

चीन स्थित रेड इको समूह से आसन्न खतरे के बारे में रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए मंत्रालय ने कहा कि पोस्को द्वारा संचालित सभी आरएलडीसी और एनएलडीसी में साइबर गतिविधियों की निगरानी और विश्लेषण की व्यवस्था पहले से ही है. 19 नवंबर 2020 को POSOCO के कुछ नियंत्रण केंद्रों पर शैडो पैड नामक मालवेयर के खतरे पर CERT-In से एक ईमेल प्राप्त किया गया था. फिर इन खतरों को दूर करने की कार्रवाई की गई. इसके बाद यह कहा गया कि NCIIPC ने 12 फरवरी 2021 को एक मेल के माध्यम से रेड इको द्वारा शैडो पैड नामक मालवेयर के माध्यम से खतरे के बारे में सूचित किया.

नहीं हुई किसी डाटा को क्षति

इसने कहा था कि रेड इको के रूप में जाना जाने वाला चीन प्रायोजित खतरा भारतीय विद्युत क्षेत्र के क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्रों (RLDCs) के साथ-साथ राज्य भार प्रेषण केंद्रों (SLDCs) को लक्षित कर रहा है. कुछ आईपी पते और डोमेन नाम का उल्लेख किया गया था. मंत्रालय ने समझाया कि इंसिक्योर की रिपोर्ट में CERT-in & NCIIPC द्वारा पहले से बताए गए खतरे को भी संदर्भित किया गया है. अध्ययन के निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्रालय ने कहा कि पोस्को द्वारा निर्दिष्ट खतरे के कारण किए गए कार्यों में से किसी पर कोई प्रभाव नहीं है. इन घटनाओं के कारण कोई डाटा उल्लंघन, डाटा हानि का पता नहीं चला है.

मंत्रालय ने दिया मामले पर जवाब

मंत्रालय ने आगे कहा कि CERTOs (मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी) द्वारा इन सभी नियंत्रण केंद्रों पर POSOCO द्वारा CERT-in, NCIIPC, CERT-Trans आदि जैसी विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त घटना के तहत तत्काल कार्रवाई की जा रही है. हैकिंग और फिशिंग जैसे साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए CERT-in (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) नोडल एजेंसी है.

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NCIIPC (नेशनल क्रिटिकल इंफार्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर) बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है. चीनी सरकार से जुड़े एक समूह ने मालवेयर के जरिए भारत की महत्वपूर्ण पावर ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया, जो कि मैसाचुसेट्स स्थित कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर के ताजा अध्ययन में सामने आया है.

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