नई दिल्ली : बिजली मंत्रालय ( Ministry of Power) ने क्षेत्र को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए शनिवार को कुछ नए नियमों की घोषणा की. इन नियमों का मकसद बिजली क्षेत्र के विभिन्न अंशधारकों (stakeholders) से वित्तीय दबाव (financial stress) को कम करना और ऊर्जा उत्पादन की लागत को जल्द निकालना है.
एक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने बिजली क्षेत्र में स्थिरता तथा स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहन के लिए नए नियम अधिसूचित किए हैं. इनके जरिये भारत जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी पूरा कर सकेगा.
बयान में कहा गया है कि बिजली क्षेत्र के निवेशक और अन्य अंशधारक कानून में बदलाव की वजह से लागत निकालने, नवीकरणीय ऊर्जा में कमी और इससे जुड़े अन्य मुद्दों की वजह से चिंतित हैं.
बयान में कहा गया है कि बिजली मंत्रालय ने बिजली अधिनियम, 2003 के तहत जो नियम अधिसूचित किए हैं वे उप़भोक्ताओं और अन्य अंशधारकों के हित में हैं. इन नियमों में बिजली (कानून में बदलाव की वजह से लागत की समय पर वसूली) नियम, 2021 शामिल है. दूसरा नियम बिजली (नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादन को प्रोत्साहन) से संबंधित है.